वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि आँकड़ों का विश्लेषण वर्तमान समय में एक कौशल है जिसके माध्यम से रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
विद्यापीठ के अर्थशास्त्र विभाग और अमेरिका की बर्कले यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की ओर से आयोजित दो दिवसीय सर्वे विषयक “मैकेनिजम ऑफ ऑनलाइन इंफॉर्मेशन डिफ्यूजन इन इंडिया” कार्यक्रम के समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए डॉ. राजीव ने शोध में आने वाली समस्याओं के बारे में विस्तार से समझाया तथा प्राथमिक व द्वितीयक आंकड़ों के महत्व को बताते हुए विस्तार से कार्यप्रणाली समझने हेतु प्रेरित किया। अर्थशास्त्र विभाग नोडल केंद्र के रूप में काम कर रहा है।
विषय प्रवर्तन करते हुए अर्थशास्त्र विभाग की वरिष्ठ एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंकिता गुप्ता ने बताया कि डेटा महत्वपूर्ण है, लेकिन डेटा संग्रह अधिक महत्वपूर्ण है और सटीकता के साथ डेटा एकत्र करना सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी बताया कि जानकारी का उपयोग कैसे किया जाता है और यह कौन सी व्याख्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसका महत्व इस बात में भी नहीं है कि यह शोधकर्ता द्वारा लागू कार्यप्रणाली और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण द्वारा निर्धारित किया जाता है।
कार्यक्रम का संपूर्ण क्रियान्वयन दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के शोधरत छात्र आनंद यादव ने किया। समन्वयक व नोडल अधिकारी डॉ. पारिजात सौरभ ने छात्र- छात्राओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति का महत्व बताते हुए यह भी समझाया कि स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर शोध को बढ़ावा दिया जाना उचित है तथा वर्तमान शिक्षा नीति इस हेतु छात्र छात्राओं को स्नातक प्रथम वर्ष से ही प्रेरित भी कर रही है। डॉ. उर्जस्विता सिंह ने कहा कि वर्तमान कार्यक्रम वैश्विक रूप से शोध में किए जाने वाले कार्यों को विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ साझा करने का सशक्त माध्यम बन रहा है। संचालन डॉ. पारिजात सौरभ ने तथा धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ. उर्जस्विता सिंह ने किया। कार्यक्रम में अर्थशास्त्र विभाग के समस्त शिक्षक तथा परास्नातक स्तर के विभिन्न संकायों एवं विभागों के लगभग 50 छात्र-छात्राएं मौजूद रहे, जिसमें से 32 छात्र छात्राओं ने दिए गए सर्वे को सफलतापूर्वक पूर्ण किया।