वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा है कि संवाद और संप्रेषण की कला में दक्षता हासिल करना जरूरी है। इसी के जरिए विश्व में खुद को स्थापित किया जा सकता है।
अंग्रेजी एवं अन्य विदेशी भाषा विभाग में सोमवार को “कम्युनिकेटिव इंग्लिश ऐंड ग्लोबलाइजेशन विद स्पेशल रेफरेंस टू इंडियन कल्चर एंड डायस्पोरा लिटरेचर” विषय पर आयोजित सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने कहा कि ज्ञान एवं सूचना का प्रभावी संप्रेषण संभव है। भारत हमेशा ही विश्व का गुरु रहा है, किंतु संवाद एवं संप्रेषण की कला में पूर्णतया निपुण न होने के कारण वह अपने ज्ञान को विश्व पटल पर स्थापित करने में पूरी तरह सफल नहीं हो सका।
मुख्य अतिथि एवं प्रो. ज्ञान सिंह गौतम ने कहा कि अच्छी व प्रभावी संवाद संप्रेषण कला विकसित करने के लिए विषय के ज्ञान के साथ-साथ भाषा पर प्रभावी पकड़ अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भाषा समाज में समरसता व सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक समृद्धि का एक सशक्त माध्यम है। कार्यक्रम का संचालन अंग्रेजी विभाग की सहायक प्रो आरती विश्वकर्मा ने किया। अतिथियों का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन विभागाध्यक्ष डॉ. नलिनी श्याम कामिल एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. निशा सिंह ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं राष्ट्र रत्न बाबू शिवप्रसाद गुप्त जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। मंच कला के छात्रों ने कुलगीत की प्रस्तुति की। समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
कार्यक्रम में विभाग के शिक्षकों डॉ. नवरत्न सिंह, डॉ. निशा सिंह, डॉ. नीरज धनकड़, डॉ नीरज सोनकर, डॉ. कविता आर्य, डॉ. रीना चटर्जी, डॉ. किरण सिंह के अलावा प्रो. राजेश कुमार मिश्र, डॉ. नंदिनी सिंह, डॉ. अंकिता गुप्ता ,डॉ. संगीता घोष, डॉ. विनोद कुमार सिंह मौजूद रहे।