वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गांधी अध्ययन पीठ में गुरुवार को भारत में जी-20 सम्मेलन के महत्व और इससे मिलने वाली उपलब्धियों पर छात्रों से चर्चा की गई।
विशिष्ट वक्ता डीएवी पीजी कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रवक्ता प्रो. अनूप मिश्र ने बताया कि जी-20 सम्मेलन का उपयोग भारत की जीडीपी के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके जरिए ग्लोबल वार्मिंग, महिला विकास, पर्यावरण जैसे मुद्दों पर खास चर्चा की जा सकती है।
विशिष्ट वक्ता डॉ. सिद्धार्थ सिंह ने जी-20 की शुरुआत से लेकर इसके सदस्यों क संख्या और उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि जी-20 सम्मेलन भारत में किन-किन शहरों में होने जा रहा है और इसके लिए क्या तैयारियां की जा रही हैं।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रामपूजन पांडेय ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता मिलना भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह एक घटना भारत का कद दुनिया में काफी बढ़ा देगा। अतिथियों का स्वागत कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने किया।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी तथा विद्यापीठ के अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. पारिजात सौरभ ने कुलपति और मुख्य वक्ता का शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया। विशिष्ट वक्ताओं का स्वागत डॉ. मुकेश पंथ ने किया।
कार्यक्रम में कुलानुशासक प्रो. अमिता सिंह, डॉ. धनंजय शर्मा, डॉ. वन्दना सिंह रघुवंशी. विश्वविद्यालय तथा संबद्ध महाविद्यालयों से 600 से अधिक विद्यार्थियों सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक, निदेशक, संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष की उपस्थिति रही। संचालन परीक्षा नियंत्रक प्रो. बंशीधर पांडेय तथा धन्यवाद ज्ञापन मानविकी संकायधक्ष प्रो. अनुराग कुमार ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा सेवा कार्य किया गया।