वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के महामना मदन मोहन मालवीय हिन्दी पत्रकारिता संस्थान की ओर से गुरुवार को शिक्षक पखवारा के तहत ‘फिल्म स्क्रीनिंग’ की गई। समिति कक्ष में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर दिखाई गई 10 मिनट की शॉर्ट फिल्म की विद्वान पैनलिस्टों ने समीक्षा की। मुख्य अतिथि काशी विद्यापीठ वाणिज्य संकाय के पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो. अजीत कुमार शुक्ल ने कहा कि राधाकृष्णन जी ने भारतीय दर्शन, संस्कृति, विचार को दुनिया के सामने रखा। इंडियन फिलासफी पर राधाकृष्णन जी काफी बातें की है। भारतीय शिक्षा के बेहतरी में इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग इनकी ही देन है। उनकी विद्वता से प्रभावित होकर विश्व के कई विश्वविद्यालयों ने उन्हें डाक्टरेट की मानद उपाधि दी।
विशिष्ट अतिथि समाज कार्य की डॉ. निमिषा गुप्ता ने राधाकृष्णन जी की शिक्षा दर्शन और जीवन केन्द्रित शिक्षा और इसमें गुणात्मक सुधार तथा कौशल की बात बताई। उन्होंने कहा कि ज्ञान में विस्तार नहीं गहराई की जरूरत है। फिल्म के बारे में बताया कि हम कोई भी चीज याद करने से ज्यादा बेहतर उसे करके सीख सकते हैं। डॉ. राजमुनि ने कहा कि किसी भी समाज की बुनियादी जरूरत है, स्वास्थ्य, शिक्षा, न्याय और सुरक्षा। बेहतर समाज बनाने के लिए हमें स्वयं को बदलना होगा।
डॉ. अखिलेश ने भी सर्वपल्ली जी के बहुआयामी व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। अतिथियों का स्वागत पत्रकारिता संस्थान के निदेशक प्रो. अनुराग कुमार एवं संचालन शोध छात्र मोहम्मद जावेद और धन्यवाद डॉ. श्रीराम त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम में डॉ. संगीता घोष, डॉ. विजय रंजन, डॉ. अनुकुल चंद राय, डॉ. जय प्रकाश श्रीवास्तव, डॉ. जिनेश कुमार सहित छात्र दीपक यादव, अमित जायसवाल, सरोज राय, राजेश, उमा भारती, विपिन, वंदना गुप्ता, मनीष यादव, अभिषेक, सूरज चौबे, आयुषी तिवारी, रश्मि, स्मिता, मोनिषा, ऋषभ, मिथिलेश, शशिकांत, आयुष, कुमारी जया, धन्याश्री, रिया, सृष्टि, वर्तिका और विश्वविद्यालय के अन्य अध्यापक और कर्मचारीगण मौजूद रहे।