वाराणसी। गुरु गोविंद सिंह के वीर पुत्रों जोरावर सिंह और फतेह सिंह की कुर्बानी से आज पूरा देश प्रेरणा ले रहा है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मनोविज्ञान विभाग में वीर बाल दिवस पर सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओ ने यह बात कही।
प्रधानमंत्री के आवाहन पर 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मानाया जाता है। प्रो. रश्मि सिंह की अध्यक्षता एवं डॉ. दुर्गेश कुमार उपाध्याय के समन्वयन में मनोविज्ञान विभाग में आयोजित कार्यक्रम की शरुआत में डॉ. दुर्गेश कुमार उपाध्याय ने इस दिवस के औचित्य एवं महत्ता पर प्रकाश डाला। छात्र अधिष्ठाता प्रो. केके सिंह ने वीर बाल दिवस के ऐतिहासिक संदर्भ के बारे में विस्तार से बताया।
प्रो. शेफाली वर्मा ठकराल, डॉ. प्रतिभा सिंह, डॉ. मुकेश कुमार पंथ, डॉ. पूर्णिमा श्रीवास्तव, डॉ. संतोष कुमार सिंह, डॉ. कंचन शुक्ला, डॉ. दीपमाला सिंह बघेल, डॉ. पूनम सिंह एवं डॉ. रश्मि रानी आदि आचार्यगणों ने अपने-अपने विचार साझा किया। इसके बाद श्री गुरुगोविंद सिंह जी के चारों साहिबज़ादों की शहादत पर आधारित एनिमेटेड शार्ट फ़िल्म दिखाई गई। विद्यार्थियों अमित, क्रांति, संदीप, दिव्या, अर्जुन, आँचल, अजय, पवन, विनोद, श्रेयांश, आदित्य एवं वंदना ने काव्य पाठ, भाषण, चित्रकला, आदि की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का समापन शहीदों को दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि एवं राष्ट्रगान से किया गया।