वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा केंद्र के निदेशक प्रो. सुशील कुमार गौतम ने कहा कि “योग आसनों के अभ्यास के दौरान चित्त को शांत रखना आवश्यक है, यदि मन आसन करते समय विचलित रहेगा तो आसन सही तरीके से संपादित नहीं होगा और उसका लाभ भी नहीं मिलेगा।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में चल रहे योग महोत्सव के पांचवें दिन मंगलवार को प्रो. गौतम ने कहा कि मन और शरीर में परस्पर समन्वय ना होने पर आसनों का शरीर पर सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। शिविर में नियमित सूर्य नमस्कार के उपरांत विश्व योग दिवस पर होने वाले यौगिक प्रोटोकाल से परिचित कराने के साथ प्रोटोकाल के अंतर्गत होने वाले आसनों का अभ्यास भी कराया गया । इसके अंतर्गत उठित पादासन, अर्ध उष्ट्रासन, गत्यात्मक पवनमुक्तासन, मकरासन तथा योग निद्रा का प्रशिक्षण दिया गया।
अभ्यास कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में नगर से आए प्रतिभागी कर्मचारी,विद्यार्थियों के साथ अध्यापक गण उपस्थित थे जिनमें डॉ. बालरूप यादव, अमित कुमार गौतम, भूपेंद्र कुमार उपाध्याय, रमेश यादव, प्रताप शंकर दुबे, डॉ. चंद्रमणि, निशा यादव एवं पूजा सोनकर प्रमुख थी। बुधवार को मोटापा से संबंधित आसनों का प्रशिक्षण पूजा सोनकर देंगी।