वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अंग्रेजी एवं अन्य विदेशी भाषा विभाग में मंगलवार को शोध छात्रों का इंडक्शन कार्यक्रम शुरू हुआ। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एके त्यागी ने कहा कि शोध छात्रों को मौलिक एवं गुणवत्तापूर्ण शोध के लिए शोध के वास्तविक अर्थ, शोध विधियों, शोध संबंधित तकनीकी ज्ञान एवं शोध प्रलेखन का संपूर्ण ज्ञान होना अति आवश्यक है। इस इंडक्शन प्रोग्राम में जो विशेष व्याख्यान दिए जाएंगे नव – प्रवेशित शोधार्थियों को उन व्याख्यानों को ध्यान से सुनना चाहिए | वे नि:संदेह उनके चिंतन एवं दृष्टिकोण को बढ़ाने में सहायक होंगे।
मुख्य वक्ता कमच्छा स्थित वसंत कन्या महाविद्यालय की पूर्व अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो.अनुराधा बनर्जी ने शोध प्रविधि की चर्चा करते हुए विभिन्न कविताओं के माध्यम से शोध प्रविधियों को प्रयुक्त कर उनमें नवीन दृष्टिकोण को तलाशने की बात की। इसके माध्यम से शोधार्थी वर्तमान परिदृश्य में सारगर्भित शोध को संपादित करने में सक्षम हो सकते हैं।
विशिष्ट वक्ता पूर्व विभागाध्यक्ष, अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विभाग महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने भी शोध विधियों ,शोध तकनीकी, शोध मौलिकता एवं शोध- नैतिकता की चर्चा करते हुए विद्यार्थियों को अधिक से अधिक पुस्तकें पढ़ने की भी सलाह दी जो उन्हें अपना ज्ञान क्षेत्र विकसित करने में सहायक सिद्ध होंगी।
इस अवसर पर गजलकार हशम तुराबी को उनकी काव्य रचना ‘ख्याल अपना’ के लिए कुलपति ने सम्मानित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम का संयोजन एवं अतिथियों का स्वागत तथा विषय प्रवर्तन विभागाध्यक्ष प्रो. नलिनी श्याम कामिल ने किया। संचालन डॉ.आरती विश्वकर्मा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नीरज कुमार सोनकर ने किया।
कार्यक्रम में कुलानुशासक प्रो. अमिता सिंह, मुख्य गृहपति प्रो. राजेश कुमार मिश्र, डॉ. सुरेंद्र राम, विभाग के शिक्षक डॉ. नवरत्न सिंह, डॉ. कविता आर्य, डॉ. रीना चटर्जी , डॉ. किरण सिंह, शोधार्थी एवं परास्नातक कक्षाओं के विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।