वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि हमें ऐसे छात्रों का निर्माण करना चाहिए जो मौजदा राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक समस्याओं का समाधान कर सकें।
राजनीति विज्ञान विभाग के डॉ. भगवानदास पुस्तकालय में शुक्रवार को पुरातन छात्र समागम की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति विज्ञान विभाग विश्वविद्यालय में अन्य विभागों के लिए एक मॉडल के रूप में है। उन्होंने राजनीति विज्ञान विभाग की शैक्षणिक गतिविधियों से प्रेरित होने की बात कही।
मुख्य अतिथि राजनीति विज्ञान विभाग के परास्नातक के प्रथम बैच के छात्र तथा जौनपुर स्थित गांधी स्मारक पीजी कॉलेज के अवकाशप्राप्त शिक्षक डॉ.एमपी सिंह ने कहा कि काशी विद्यापीठ के अन्य विभागों की ही तरह राजनीति विज्ञान विभाग के शिक्षकों की भी एक शानदार परम्परा रही है। 1921 से 1947 के बीच श्रीप्रकाश जी, जेबी कृपलानी, डॉ. सम्पूर्णानन्द, आचार्य बीरबल सिंह आदि जैसे विद्वानों ने इस विभाग का और विद्यापीठ का गौरव बढ़ाया। मैं काशी विद्यापीठ में भाषा सीखने आया था और इसके साथ ही जिंदगी की भाषा सीख ली।
विशिष्ट अतिथि सत्यदेव ग्रुप ऑफ एजुकेशन, गाजीपुर के प्रबंधक डॉ. सानन्द सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की गौरवशाली परम्परा में आप सभी छात्र-छात्राओं का पूर्ण सहयोग रहा है। आप नवभारत के निर्माता हैं। विद्यापीठ जो विस्तार प्राप्त कर रहा है उसमें आप सभी का योगदान सराहनीय है।
विशिष्ट अतिथि विद्यापीठ के राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. नन्दलाल ने कहा कि मुझे गौरव है कि मैं यहां का पुरातन छात्र रहा। इस पुरातन छात्र समागम में मैं कहना चाहूंगा कि परस्पर सहयोग और प्रेम ही एक-दूसरे को बांधे रहता है अतः आप सभी सदस्य हमेशा जुड़े रहें।
मुख्य वक्ता भारतीय जीवन बीमा निगम के विकास अधिकारी डॉ. राजकुमार सिंह ने कहा कि काशी विद्यापीठ की गुरु-शिष्य मित्रवत परम्परा का परिणाम रहा है कि हम निःसंकोच किसी भी कार्य का संपादन अच्छी तरह से कर लेते हैं। आज मैं इस तपोभूमि के परिणामस्वरूप ही जीवन में सफलता के कदम चूम रहा हूं।
संयोजक डॉ. रविप्रकाश सिंह ने कहा कि इस आयोजन का मकसद पुराने पलों और रिश्तों का जश्न मनाना है। उन्होंने कोरोना काल जैसी भयानक त्रासदी का उल्लेख करते हुए अपने पुरातन छात्र प्रो. केसी पाण्डेय व रामेन्द्र को विनम्र श्रद्धांजलि दी। विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यभान प्रसाद ने मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया तथा विभागीय उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि सेमिनार और वेबिनार के अलावा आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर दो दिवसीय पोस्टर-मेकिंग एवं रंगोली प्रतियोगिता आयोजित हुई। इसके अतिरिक्त व्याख्यानमाला का आयोजन ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से किया गया जिसके अन्तर्गत बाह्य विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाता है। अब तक इस क्रम में 12 से अधिक व्याख्यान कराये जा चुके हैं।
संचालन सह-संयोजक डॉ. मिथिलेश कुमार गौतम ने किया तथा धन्यवाद डॉ. रेशम लाल ने दिया। कार्यक्रम में प्रो. मोहम्मद आरिफ, आयोजन सचिव डॉ. पीयूष मणि त्रिपाठी, डॉ. जयदेव पाण्डेय, डॉ. विजय कुमार, अवकाश प्राप्त शिक्षक प्रो. रघुवीर सिंह तोमर, प्रो. सतीश कुमार, डॉ. राजदेव प्रसाद, डॉ. उमाकांत पासवान, डॉ. राम प्रकाश सिंह यादव, डॉ. रंजीत कुमार, डॉ. कैरोकान्त उजाला, डॉ. रिंकी सिंह, डॉ. ज्योति सिंह, डॉ. निधि सिंह, डॉ. निशा देवी, डॉ. अमरनाथ पासवान उपस्थित रहे।