वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से आयोजित सात दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन गुरुवार को स्वयंसेविकाओं ने सुरक्षा स्वच्छता, G20, पर्यावरण संचेतना, राष्ट्रीय एकता जागरूकता रैली निकाली।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ. किरण सिंह, डॉ. उर्जस्विता सिंह तथा डॉ. सुरेखा जायसवाल के नेतृत्व में शिविर स्थल पर, स्वच्छता, योगाभ्यास एवं लक्ष्य जीत के अभ्यास कराए गए। प्रशासनिक भवन से निकाली गई जागरूकता रैली का शुभारंभ विश्वविद्यालय की कुलानुशासक प्रो. अमिता सिंह ने किया। रैली मानविकी संकाय होते हुए भारत माता मंदिर परिसर तक गई, जहां रैली के समापन पर कुलानुशासक ने स्वयंसेविकाओं को सदैव सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने व आगे बढ़ने का संदेश दिया।
समापन सत्र में मुख्य अतिथि समाज कार्य विभाग की प्रो. भावना वर्मा, तथा विशिष्ट अतिथि समाज कार्य विभाग की प्रो. शैला परवीन व अर्थशास्त्र विभाग के आचार्य डॉ. राकेश कुमार तिवारी रहे। प्रो. भावना वर्मा ने स्वयंसेविकाओं को विशेष रूप से इससे सुरक्षा व सम्मान के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया। उन्होंने वर्तमान समय में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही लड़कियों एवं महिलाओं को कार्यस्थल पर आने वाली समस्याओं व उनके समाधान के प्रति बहुत बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
विशिष्ट अतिथि प्रो. शहला परवीन ने बताया कि लड़कियां अपने जीवन में विभिन्न मानसिक व शारीरिक परिवर्तन से होकर गुजरती है। अतः उन्हें शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए उचित व संतुलित भोजन लेना अति आवश्यक है। साथ उन्हें अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहते हुए शारीरिक स्वच्छता के प्रति विशेष रूप से सजग रहने की आवश्यकता है।
डॉ. राकेश कुमार तिवारी ने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना एक ऐसा मंच है जो बालिकाओं के अंतर्गत नेतृत्व कृतित्व, व्यक्तित्व विकास और समर्पण की भावना का विकास करने में सहायक होता है तथा युवा पीढ़ी को समाज व राष्ट्र के प्रति समर्पित सेवा भाव के लिए प्रेरणा देता है। राष्ट्रीय भावना के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है।
समापन सत्र में स्वयंसेविकाओं ने गणेश वंदना, पंजाबी लोक नृत्य व पाश्चात्य नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति की। अतिथियों का स्वागत व विषय प्रवर्तन डॉ. किरण सिंह, संचालन डॉ. ऊर्जस्विता सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुरेखा जयसवाल ने किया। तत्पश्चात स्वयंसेविका शिविर स्थल पहुंची जहां भोजन उपरांत राष्ट्रगान के साथ सात दिवसीय विशेष शिविर का औपचारिक समापन हुआ।