वाराणसी। पोट्रेट आर्टिस्ट ग्रुप मुंबई एवं ललित कला विभाग महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के तत्वाधान में तीन दिवसीय वार्षिक पोट्रेट प्रतियोगिता का ग्रैंड फिनाले एवं ट्रॉफी से अद्वैत नादावेकर कों नवाजा गया। रनर ट्रॉफी गणेश जारे और सेकंड रनर पऱने अनराव को घोषित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि पोट्रेट विधा कला महाविद्यालय में धीरे-धीरे खत्म हो रही है, लेकिन पोट्रेट आर्ट सोसाइटी मुंबई द्वारा जीवित किया जा रहा है, वह काबिले तारीफ है। प्रो. त्यागी ने कहा कि विलुप्त हो रही पोट्रेट विधा की पढ़ाई के लिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के द्वारा भी पहल की जा रही हैं। इसके विकास के लिए हम लोग विद्या परिषद एवम कार्य परिषद की बैठक में भी चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा कि पोर्ट्रेट विधा मुगल काल एवं राज दरबारों मैं स्मृति के रूप में चित्र बनाकर रखी जाती थी। लाइव पोट्रेट विधा फोटोग्राफी चलचित्र के कारण धीरे-धीरे खत्म हो रही है।जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में लुप्त हो रहे कला को बचाने का भी प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए विश्वविद्यालय अस्तर से कई बार विश्वविद्यालय में प्रतियोगिता भी आयोजित गई है। और आगे भी कराने की योजना चल रही है। इस अवसर पर प्रोफेसर एस प्रणाम सिंह ने भी विलुप्त हो रही है पोट्रेट विधा को जिंदा करने पर जोर दिया।

पोट्रेट आर्टिस्ट ग्रुप द्वारा 8 वरिष्ठ कलाकारों का समागम हुआ, जिसमें विजय आरचेकर ने लाइव पोट्रेट द्वारा रंगों का समावेश काफी प्रभावशाली देखने को मिला।उन्होंने रंगों को नाईफ द्वारा सीधे कैनवास पर बिखेर कर अभिव्यक्ति को साकार किया। उन्होंने कहीं-कहीं ब्रश से भी मोटे मोटे रंगों का प्रयोग किया है। इस ग्रुप के वाराणसी के प्रसिद्ध कलाकार प्रो. एस प्रणाम सिंह के पोट्रेट चित्रों में रंगों में ड्रैमेटिक प्रभाव लिए हुए दिखाई दे रहा था. इनके चित्रों में रंगों का मिश्रण प्रभावशाली है। वासुदेव कामत ने ड्राइ पेस्टल द्वारा पोट्रेट में नई तकनीक द्वारा जान फूंकने का कार्य किया है,जो काबिले तारीफ है।
गायत्री मेहता,स्नेहल पागे ने भी ड्राई पेस्टल द्वारा नई तकनीक द्वारा पोट्रेट बनाया, डॉ सुनील कुमार विश्वकर्मा ने आयल रंगो द्वारा ड्रैामेटिक रंगो लाइन के माध्यम से सुंदर व्यक्ति चित्र का निर्माण किया जो लोगों को देखने पर मजबूर किया। इस अवसर पर सर्वश्री वासुदेव कामत,विजय आर्चेंकर,मनोज साकले,डॉ शत्रुघ्न प्रसाद, डॉ. सुनील कुमार कुशवाहा,डॉक्टर शशिकांत नाग आदि लोग उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन गायत्री मेहता एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुनील कुमार विश्वकर्मा ने किया।