वाराणसी। भारत के बढ़ते कदम से चीन बौखला गया है। वह पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत को अस्थिर करने के लिए रोज नया शिगूफा छोड़ता है। खुराफात करता है, लेकिन उसके इस खुराफात से भारत पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है। हालात यह है कि वह 2014 से भारत की ओर से हो रही नित नई कार्रवाईयों से घबराया हुआ है। गलवान घाटी व डोकलाम की घटना इसका ताजा उदाहरण है। सामरिक दृष्टि से चीन समुद्र में बहुत ही कमजोर है। यूं कहे तो चीन की हालत समुद्र में चूहे जैसी है। उसे वहीं घेरने की जरूरत है।
बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत काशी मंथन कार्यक्रम में यह बात भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कही। लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में काशी मंथन का अहम योगदान है। राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में गहन चिंतन व मंथन की जरूरत है। राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में बीएचयू जैसे इंस्टीट्यूशन और यहां के छात्र अहम रोल अदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए दूरगामी सोच सबसे ज्यादा जरूरी है। राष्ट्रीय सुरक्षा में 2050 तक रास्ता कैसे तय करना है उस पर हमें मंथन करना है। युवाओें से उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य गतिविधियों में आधुनिकता के साथ ही अपने सांस्कृतिक विरासत की अवधारणा को भी साकार करना है।
भारत के राजदूत रहे अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि भारत सदैव सहज व सरल भाव वाला देश रहा है। पड़ोसी देशों की मदद भारत सदियों से करता आ रहा है। अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि इस देश से मित्रता की वजह से उसके राष्ट्रीय भवन निर्माण में भारत का योगदान है। भले ही काबुल को हक्कानी ग्रुप कंट्रोल करे लेकिन भारत सदियों से अपने पड़ोसी मुल्कों को मित्र रूप में देखता रहा है। बात चाहे इरान की हो या पश्चिमी एशिया के देशों की भारत सदैव ही उनका मददगार रहा है।
जेएनयू के चाइनिज स्टडी के प्रो. श्रीकांत कोंडापल्ली ने कहा कि चीन की योजना व आकांक्षा व्यापारिक विश्व शक्ति बनने की है वह इसके लिए लगातार प्रयास कर रहा है। चूंकि उसे लगता है कि भारत ही उसकी शक्ति को प्रभावित कर सकता है इसलिए वह लगातार भारत को अस्थिर करने का प्रयास करता है। गलवान घाटी की घटना ने हमे जागने का अवसर दिया है।
धर्म को राजनीति से न जोड़ें
काशी मंथन के दूसरे सत्र में रूस-यूक्रेन युद्ध, भारत-पाक युद्ध पर चर्चा हुई। पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए डॉ.आदिल रशीद ने कहा कि धर्म को राजनीति व देश से जोड़कर पाकिस्तान भारत में रोज विद्रोह फैलाने का प्रयास कर रहा है। रोज ट्विटर से लेकर सोशल मीडिया पर ऐसी करतुतें डाली जाती हैं, जिनसे भारत आंतरिक रूप से अस्थिर हो। लेकिन युवाओं को इस ओर ध्यान देना होगा। राजनीति को कभी भी धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।
लेफ्टिेनेंट जनरल शौकिन ने कहा कि चीन पर कभी भी भरोसा नहीं किया जा सकता। क्योंकि उसकी मंशा सदैव से ही भारत को परेशान करने और अस्थिर करने की रही है। उससे सदैव सजग रहना होगा। तकनीकी विशेषज्ञ जितेन जैन ने साफगाई ढंग से कहा कि चीन साइबर अपराधी है। उसकी मंशा भारत के प्रति भारत में ही प्रोपेगंडा फैलाना है। आतंकी चाहते हैं कि भारत को कोई धर्म निरेपेक्ष राष्ट्र न कहें इसके लिए यहां रोजाना झूठ के सहारे अस्थिरता की नई कहानी कहानी गढ़कर भारत को धर्म के नाम पर लड़ाया जाए।
विषय स्थापना डॉ. मयंक नारायण सिंह ने की। आयोजन मंडल की ओर से सभी वक्ताओं को स्मृति चिन्ह व शॉल देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में सनबीम ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन नॉलेज पार्टनर के तौर पर सहभागी रहा।आयोजन की शुरुआत पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ दीप प्रज्जवलित करके किया गया। सुकेशी रिषभ ने संचालन व आये अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन डॉ.सुनील तिवारी ने किया।