वाराणसी। हर घड़ी जीतने का चढ़ा था नशा, अपने बच्चों से हारा तो अच्छा लगा।
रोहनिया स्थित एक पब्लिक स्कूल में शनिवार को आयोजित भाषा उत्सव में यह पंक्ति बीएचयू के हिन्दी विभाग के प्रो. वशिष्ठ अनूप ने सुनाई। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रो. अनूप ने कहा कि ‘भाषा में हमारा संस्कार, संस्कृति और समूचा व्यक्तित्व बोलता है।आप अपने जीवन का सर्वोत्तम उपयोग करें।आप बड़े सपने देखें और पूरी शक्ति व समर्पण के साथ उसे सच करने का प्रयास करें।’
प्रो. अनूप ने कहा कि बच्चों में काफी प्रतिभा होती है। जरूरत इसे पहचानने की और प्रतिभा के अनुरूप उनको भविष्य की ओर ले जाने की है। विद्यालय इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा सकते हैं। अभिभावकों को भी बच्चे की रुचि के अनुरूप विषय में आगे बढ़ने में उसकी मदद करनी चाहिए ताकि वह बिना किसी दबाव और तनाव के अपने भविष्य की मंजिल तय करके वहां तक पहुंच सके। अयोजन को स्कूल के प्रिंसिपल डीवीएस राव ने भी संबोधित किया।इसमें विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने भागीदारी की।