नई दिल्ली। भारत की पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी अपर्णा पोपट ने युवा महिला खिलाड़ियों के शोषण पर चिंता जताई है और कहा है कि इन खिलाड़ियों की सुरक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
अपर्णा ने अपनी किताब “गुरु अगेंस्ट शिष्या” में लिखा है कि हम आमतौर पर खेल मैदानों को सबसे सुरक्षित स्थान समझते हैं। अभिभावक भी बेटियों को खेलों में शामिल करने पर झिझकते नही हैं। लेकिन जब कहीं से युवा एथलीटों के यौन शोषण की सूचना मिलती है तो चिंता बढ़ जाती है। यह सर्वथा अनुचित है कि खेलों में कोई अनुभवी व्यक्ति महज अपने मनोरंजन के लिए युवाओं के साथ ऐसे खिलवाड़ करे।
अपर्णा ने अपनी किताब में दुनियाभर में हुई ऐसी घटनाओं का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि यह सब काफी समय से चल रहा है। आज परिवर्तन सिर्फ इतना हुआ है कि लड़कियों ने इसके खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है। वे पहले से ज्यादा जागरूक हैं, इन चीजों के बारे में ज्यादा बात करती हैं। फिर भी यौन शोषण की घटनाएं तो होती ही रहती हैं।
खिलाड़ियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्रशिक्षण के लिए लंबा सफर तय करना, घर से दूर रहना, प्रतियोगिताओं के लिए थकान भरा सफर और सबसे ऊपर जीतने का दबाव।
जब हम लड़कियों को खेलों के लिए प्रोत्साहित करते हैं तो हमें उनके सामने आने वाली कठिनाइयों और उनको दूर करने के बारे में भी सोचना चाहिए। हमें समझना चाहिए कि उनका सम्मान सबसे महत्वपूर्ण है। हमें उनको बताना चाहिए कि उनके लिए क्या ठीक है और क्या नहीं। उनकी राह आसान रही तो वे बिना झिझक पूरे मनोयोग से खेलों में भाग ले सकेंगी और सफलता भी हासिल करेंगी।
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