वाराणसी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्विद्यालय) में 28 जुलाई से नेशनल इस्टीट्यूट आफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) द्वारा आयोजित ’री-इमेजिनिंग अर्बन रिवर’ पर दो दिवसीय थीसिस प्रतियोगिता के सीजन-2 के फाइनल का आयोजन किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए संस्थान के वास्तुकला, योजना एवम् अभिकल्प विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश कुमार ने बताया कि कुल बीस छात्र (दस स्नातक और दस परास्नातक) दो दिनों में संस्थान में शोध कार्य प्रस्तुत करेंगे। इसमें नदी प्रबंधन के लिए आदिवासियों को शामिल करने, नदी केंद्रित पारगमन उन्मुख विकास विकसित करने, नदी के पानी की गुणवत्ता की भविष्यवाणी करने के लिए मशीन लर्निंग का उपयोग करने तक विषय शामिल हैं। छात्रों की प्रस्तुति का मूल्यांकन जूरी के एक पैनल द्वारा किया जाएगा, जिसमें राजीव रंजन मिश्रा (पूर्व महानिदेशक, एनएमसीजी), एस. विश्वनाथ (निदेशक, बायोम पर्यावरण समाधान), प्रो. गौरव रहेजा (विभागाध्यक्ष व प्रोफेसर, वास्तुकला व योजना, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की) एवम् डॉ. अमृता द्विवेदी (सहायक आचार्य, मानवतावादी अध्ययन विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू)) शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा 29 जुलाई को प्रत्येक श्रेणी में शीर्ष तीन प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कार प्रदान करेंगे। पुरस्कार समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन रहेंगे। हितेश वैद्य (निदेशक, एनआईयूए), जी. अशोक कुमार (महानिदेशक, एनएमसीजी), डी.थारा (मिशन निदेशक, अमृत 2.0), दीपक अग्रवाल (मंडलायुक्त, वाराणसी), प्रणय सिंह (नगर आयुक्त, वाराणसी नगर निगम) और ईशा गुहान (वाइस चेयरमैन, वाराणसी विकास प्राधिकरण) के उपस्थित होने की उम्मीद है।
संस्थान के वास्तुकला, योजना एवम् अभिकल्प विभाग के संयुक्त विभागाध्यक्ष आर्किटेक्ट इंद्र कुमार सिंह ने बताया कि प्रतियोगिता के सीजन-3 का शुभारंभ भी मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश 29 जुलाई 2022 को करेंगे। यह आयोजन भारतीय शहरों में रचनात्मक, जमीनी स्तर के समाधान और मुख्यधारा के नदी-संवेदनशील विकास के साथ आने के लिए युवा दिमाग का दोहन करने और शिक्षाविदों के साथ जुड़ने का एक और सफल वर्ष है। उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता 2020 से वार्षिक आधार पर आयोजित की जा रही है। देश भर में किसी भी विषय से स्नातक और परास्नातक छात्रों के लिए खुली है। प्रतियोगिता के छात्रों को भारतीय शहरों से बहने वाली नदियों के दृष्टिकोण और प्रबंधन की फिर से कल्पना करने के लिए नवीन समाधानों के साथ आने का अवसर प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई थी।