वाराणसी। आज आप स्नातक के रूप में जिस दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं, वह बदल गई है, और अविश्वसनीय रूप से तीव्र गति से बदलना जारी है। 21वीं सदी लैंडस्केप एक वैश्विक दुनिया है, जो डेटा अर्थव्यवस्था द्वारा संचालित है। पिछले कई दशकों में, औद्योगिक युग ने सूचना युग एवं ज्ञान युग का मार्ग प्रशस्त किया है। ज्ञान और सूचना सामान्य भाषाएं हैं जो हमें सभी विषयों और उद्योगों और राष्ट्रीय सीमाओं के पार जोड़ती हैं। साथ ही, विश्व स्तर पर नेटवर्क वाली इस दुनिया ने सूचना के विस्फोट को जन्म दिया है – जो हर समय तेजी से विस्तार कर रहा है। यह आपके लिए बड़ी चुनौतियों के साथ-साथ व्यापार, उद्योग और अकादमी के भविष्य के अगुआ के रूप में अपार अवसर प्रदान करता है।

आईआईटी बीएचयू के सोमवार को हुए 11वें दीक्षांत समारोह में ये बातें मुख्य अतिथि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के चांसलर एवं नीति आयोग के सदस्य डॉ विजय कुमार सारस्वत ने कहीं। उन्होंने छात्रों से कहा कि आपने जो ज्ञान प्राप्त किया है, अवसर और आपके पास जो विकल्प हैं, वे आपको अपनी रुचि के अनुसार चुनने की स्वतंत्रता प्रदान करते हैं। आप ज्ञान से सशक्त हैं, अब इसे मजबूत करना है। आपके व्यक्तिगत गुण जैसे ईमानदारी, कड़ी मेहनत, राष्ट्र की सेवा करने के लिए गर्व की भावना को प्राथमिकता देनी है। मुझे पूरा विश्वास है कि आपको सबसे अधिक लाभ होगा।
डॉ. सारस्वत ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज के समय में समाज के लिए बहुत ही हितकर है, क्योंकि यह हमारी दक्षता और कार्यक्षमता को बढ़ाता है, जो राजस्व बढ़ाने, लागत और नौकरी के लिए नए अवसर सृजित करता है। हम यह देखते हैं कि रोबोट और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) रोजगार कम करते हैं जो तथ्य की अपेक्षा महज एक कोरी कल्पना है। जबकि एआई नए रोजगार के लिए प्रोत्साहित करता है। वर्तमान में लोग एआई की सहायता से अपने कार्य को और बेहतर तरीके से कर रहे हैं और एआई ने कई नए रोजगार के अवसर दिए हैं जिसका भविष्य उज्ज्वल है।
21वीं सदी की इनोवेशन वेव की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें मौलिक विज्ञान जैसे मैथ्स, फिजिक्स, ग्रीन केमिस्ट्री, बायोलॉजिकल साइंसेज की नींव को उन्नत करना होगा जिससे भविष्य के प्रौद्येगिकियों के विकास को सहायता मिल सके। हमें इंजीनियरिंग शिक्षा में एक संस्कृति और मानसिकता का सृजन करना होगा जो डिजाइन – अनुकरण – निर्माण – परीक्षण – मूल्यांकन पर आधारित हो। हमें परियोजना प्रबंधन कौशल का परिचय और विकास करना है और लागत और बजट सहित व्यावसायिक प्रथाओं के बारे में जागरूकता फैलानी है। इससे उद्यमियों और नवप्रवर्तन के विकास में मदद मिलेगी। राष्ट्र के युवा लोगों के दर्शन में डिजाइन शामिल होना चाहिए।
पूरे विश्व में भारत में 10 से 24 वर्ष की युवा आबादी की जनसंख्या सबसे अधिक है और ये और बढ़ने वाला है। यह भारत का जनसांख्यिकीय विभाजन भारत को मानव संसाधन की राजधानी बना सकता है। जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि भारत सरकार युवाओं के सपनों और भागीदारी के साथ एक नए भारत के निर्माण का प्रयास कर रही है। युवाओं को एक जिम्मेदार भारतीय नागरिक के रूप में एक सिविल सेवक के रूप में देखा जाना चाहिए,
इस देश के युवाओं को देश को एक प्रौद्योगिकी केंद्र में परिवर्तित करने की चुनौती है। इसके लिए अपार धैर्य और परिश्रम की आवश्यकता होगी। लेकिन मुझे युवाओं पर पूरा भरोसा है। युवाओं को भारत में परिवर्तनकारी अगुआ के रूप में उभरना होगा तभी एक विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा पूरी होगी। मैं आईआईटी (बीएचयू) में सभी उपाधि पाने वाले सभी छात्रों को बधाई देता हूं जो कि भविष्य में अपने करियर को पूरा करने एवं संपन्न जीवन जियें और देश के एक आदर्श नागरिक बनें।