वाराणसी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) स्थित मानवतावादी अध्ययन विभाग ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में उन्नत भारत अभियान (आरसीआई-आईआईटी बीएचयू) के सहयोग शनिवार को ’स्वच्छता हमारी परम्परा’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम युवा मन को ’स्वच्छ भारत’ के अपने दृष्टिकोण को साझा करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि छात्र अधिष्ठाता प्रो. एलपी सिंह एवं विशिष्ट अतिथि संस्थान के कुलसचिव राजन श्रीवास्तव रहे। मानवतावादी विभागाध्यक्ष डॉ. अजीत कुमार मिश्रा, कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. शिशिर गौड़, उन्नत भारत अभियान (आरसीआई-आईआईटी बीएचयू) के समन्वयक और विभागीय समन्वयक डॉ. मनहर चारण भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और कुलगीत के साथ हुई। इसके उपरांत संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन के बधाई संदेश को विभागाध्यक्ष ने पढ़ा। निदेशक महोदय ने अपने संदेश में कहा कि हमें अपने सामाजिक और सांस्कृतिक गहराई से निहित शुद्धता और उसकी परम्परा की स्पष्ट धारणा की समझ की आवश्यकता है। कुलसचिव ने पारंपरिक स्वच्छता और मूल्यों पर जोर दिया और बताया कि कैसे मूल्य हमारे दैनिक जीवन में स्वच्छता के विचार को विकसित करने में मदद कर सकते हैं। मुख्य अतिथि प्रो. एलपी सिंह ने टेक्नोक्रेट की भूमिका के बारे में बात की और बताया कि कैसे नवाचार और विचार समाज के लिए स्वच्छता बनाए रखने में मददगार हो सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों को ’स्वच्छता’ विषय पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों जैसे स्लोगन राइटिंग, फोटोग्राफी, क्विज, बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट आदि में अपने कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर मिला। आयोजन में संस्थान के तकरीबन पचास छात्रों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के समापन समारोह में विभाग के डॉ. शैल शंकर ने कार्यक्रम की गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। संस्थान के अनुसंधान एवं विकास अधिष्ठाता प्रो. विकास कुमार दुबे द्वारा पुरस्कार वितरण किया गया। विभिन्न आयोजनों के निर्णायकों को भी सम्मानित किया गया। विभाग के सफाई कर्मचारियों को उनके परिवार के साथ उनकी सेवा के सम्मान के रूप में उपहार भेंट किए गए। मुख्य अतिथि ने परिसर में स्वच्छता बनाए रखने में ’सफाई मित्र’ के जमीनी स्तर के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने प्रतिभागियों से अपने आसपास और परिसर को साफ रखने के लिए सतर्क रहने का आग्रह किया और कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित करने में विभाग के शोधार्थियों के प्रयासों की सराहना की। मानववादी अध्ययन विभाग के डॉ. विश्वनाथ धिताल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।