वाराणसी। आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी ने गुरुवार को स्वतंत्र भवन, बीएचयू के सीनेट हॉल में रायसीना फोरम फॉर फ्यूचर डिप्लोमेसी के एक दिवसीय कार्यक्रम की मेजबानी की। यह कार्यक्रम 10 से 20 अक्टूबर, 2022 तक भारत में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ), नई दिल्ली और विदेश मंत्रालय, भारत सरकार की ओर आयोजित कार्यक्रम का हिस्सा है। इस फोरम के संस्थापक भागीदारों में यूनाइटेड किंगडम, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अनवर गर्गश डिप्लोमैटिक अकादमी, संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।

संस्थान में आयोजित इस कार्यक्रम में 31 देशों के 35 राजनयिकों के एक दल ने भाग लिया और वाराणसी और आईआईटी (बीएचयू) के इतिहास, अनुसंधान, नवाचार, स्टार्टअप, डिजिटल इंडिया, ज्ञान सृजन पर केंद्रित चर्चाओं और प्रस्तुतियों में शामिल हुए। राजनयिक समूह ने वाराणसी की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समृद्धि को उजागर करने के लिए वाराणसी का दौरा किया।
कार्यक्रम में 31 देशों के 35 राजनयिकों के अलावा आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन, डीन (संसाधन और पूर्व छात्र मामले) प्रो. राजीव श्रीवास्तव व अन्य सभी अधिष्ठातागणों व संकाय सदस्यों ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त अरविंद गुप्ता (सह-संस्थापक और प्रमुख, डिजिटल इंडिया फाउंडेशन), डॉ समीर सरन (अध्यक्ष, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, भारत), अंजलि बंसल (संस्थापक साथी, अवाना कैपिटल), सौरभ चंद्र (सीईओ, अति मोटर्स, बैंगलोर), अनुराग सिन्हा (सह-संस्थापक और सीईओ, वन-कार्ड, एफपीएल टेक्नोलॉजीज) और राहुल राज, इनवर्टेड (एक ऊर्जा कंपनी) कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अतिथियों को आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी में चल रहे शिक्षण, अनुसंधान, नवाचार व इन्क्युबेशन गतिविधियों और संस्थान को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों पर ले जाने के भविष्य के निर्देशों के बारे में बताया। उन्होंने रायसीना फोरम के उद्देश्यों की भी सराहना की, जो विभिन्न सामाजिक विषयों पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए दुनिया भर के राजनयिकों को एक मंच पर लाएगा, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर समाज के लिए उपयोगी होगा।
इस अवसर पर डीन (संसाधन और पूर्व छात्र मामले) प्रो. राजीव श्रीवास्तव, ने प्राचीन से ’समकालीन तक-वाराणसी का इतिहास और आईआईटी (बीएचयू)’ विषय पर एक प्रस्तुति दी और पूरे कार्यक्रम का संचालन किया। अरविंद गुप्ता और संस्थान के 1992 बैच के पूर्व छात्र और डॉ. समीर सरन ने रायसीना फोरम की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि रायसीना फोरम एक वार्षिक दस दिवसीय नीति कार्यशाला है जो दुनिया भर के 40-45 युवा राजनयिकों को एक साथ लाती है। यह तेजी से बदलती दुनिया में नेतृत्व करने के लिए कौशल को बढ़ावा देता है और स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी नीति/साइबर शासन, जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा, नए राजनीतिक भौगोलिक, विकास सहयोग के साधन, लिंग अनिवार्यता, शिक्षा और ज्ञान, और बहुपक्षवाद के उभरते मॉडल पर ध्यान केंद्रित करता है। वैश्विक मामलों का ध्यान, अब पहले से कहीं अधिक, पारंपरिक सुरक्षा के मुद्दों से मानव सुरक्षा – सार्वजनिक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, डिजिटल शासन, आदि तक विस्तार करने की आवश्यकता है।
अरविंद गुप्ता ने सामाजिक चुनौतियों को हल करने में मदद करने वाले भारत के डिजिटल पब्लिक गुड्स को प्रस्तुत किया और चर्चा की। इसके अतिरिक्त संस्थान से डॉ. संतोष कुमार सिंह, डॉ. संजीव महतो, डॉ. हरिप्रभात गुप्ता, डॉ. सोमक भट्टाचार्य और डॉ पवन शर्मा संकाय सदस्यों ने आईआईटी (बीएचयू) में रक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, साइबर भौतिक प्रणाली, दूरसंचार और विनिर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे अनुसंधान और नवाचार गतिविधियों को प्रस्तुत किया। साथ ही संस्थान में उपलब्ध इन्क्यूबेशन पारिस्थितिकी तंत्र और सुविधाओं का एक अवलोकन भी प्रस्तुत किया।
अंजलि बंसल ने भारत में स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए घरेलू उद्यम पूंजी को प्रस्तुत किया और चर्चा की। आईआईटी (बीएचयू) के पूर्व छात्र सौरभ चंद्र (सीईओ, अति मोटर्स, बेंगलुरु), अनुराग सिन्हा (सह-संस्थापक और सीईओ, वन-कार्ड, एफपीएल टेक्नोलॉजीज) और इनवर्टेड (एक ऊर्जा कंपनी) के संस्थापक राहुल राज ने अपनी स्टार्टअप कंपनियों को प्रस्तुत किया और चर्चा की। कार्यक्रम के अंत में प्रो. राजीव श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।