वाराणसी। छात्रों, शोधकर्ताओं, शिक्षकों और उद्योग कर्मियों के बीच जीवन कौशल क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू) और कॉमनवेल्थ एजुकेशनल मीडिया सेंटर फॉर एशिया ने संयुक्त रूप से आवश्यक जीवन कौशल पर 15 घंटे का मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी) विकसित किया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि यह कोर्स पेशेवर क्षमता विकसित करने और प्रतिभागियों के बीच मनोवैज्ञानिक समझ को बढ़ावा देने और उन्हें व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार करने में मदद करेगा। सीईएमसीए (कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निंग) जल्द ही भारत सहित एशियाई क्षेत्र के लगभग पंद्रह देशों के प्रतिभागियों के लिए इस पाठ्यक्रम को खोलेगा। पाठ्यक्रम हाई स्कूल के शिक्षार्थियों से लेकर वरिष्ठ स्तर के पेशेवरों तक के प्रतिभागियों के लिए बेहद उपयोगी होगा। आईआईटी (बीएचयू) क्षमता निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान करने की क्षमता के साथ सामग्री विकसित करने के लिए अग्रणी एजेंसियों के साथ साझेदारी करना जारी रखेगा।
निदेशक ने बताया कि जीवन कौशल शिक्षार्थियों के बीच अनुकूली और सकारात्मक व्यवहार की क्षमता विकसित करता है और इस प्रकार उन्हें जीवन की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से और आत्मविश्वास से निपटने में सक्षम बनाता है। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ द्वारा जीवन कौशल की पहचान ऐसे कौशल के रूप में की गई है जो एक व्यक्ति को एक उत्पादक और संतोषजनक जीवन जीने में सफल होने में मदद करते हैं।
मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स की डिजाइन बनाने और विकसित करने में संस्थान में मानवतावादी अध्ययन विभाग के डॉ. अजित कुमार मिश्रा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस संस्थान के टीचिंग लर्निंग सेंटर द्वारा तैयार किया गया है। स्थायी अपस्किलिंग की इस आवश्यकता को महसूस करते हुए, संस्थान और सीईएमसीए (सीओएल) ने इस एमओओसी के साथ आगे आने के लिए हाथ मिलाया है, जिसे प्रतिभागियों को सामाजिक और पारस्परिक कौशल के एक समूह में प्रशिक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पाठ्यक्रम में मुख्यतः संचार कौशल, संबंध कौशल, सोच कौशल, नेतृत्व कौशल और भलाई कौशल शामिल हैं। इन कौशलों की अच्छी समझ रखने वाले लोगों को एक संगठन के लिए महत्वपूर्ण माना जाएगा। इसी तरह, संचार कौशल, अच्छा लेखन कौशल लोगों को प्रामाणिक और विश्वसनीय तरीके से दुनिया तक पहुंचने में सक्षम बनाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि संबंध कौशल पर मॉड्यूल प्रतिभागियों को पारस्परिक कौशल में प्रशिक्षित करेगा जो आज सबसे मूल्यवान क्षमताएं हैं। यह पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को और ज्यादा सक्षम बनाएगा।