वाराणसी। अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में भारत के युवा विज्ञानियों को सशक्त बनाने की संभावनाओं पर विचार करने के लिए मंगलवार से आईआईटी बीएचयू की ओर से परिसर स्थित स्वतंत्रता भवन के सीनेट हॉल में दो दिनी विचार मंथन शुरू हुआ।
यह कार्यक्रम प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय, IIT (BHU), वाराणसी और INYAS संयुक्त रूप से आयोजित कर रहे हैं। यह आयोजन युवा शिक्षाविदों और वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को अपने शोध और शैक्षणिक गतिविधियों में अपनी चिंताओं और आकांक्षाओं को व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। आयोजन में सात सत्रों में शिक्षा और अनुसंधान से संबंधित विभिन्न विषयों पर देश के प्रसिद्ध शिक्षाविद और वैज्ञानिक विचार रखेंगे। युवा वैज्ञानिक भी अपने विचारों के साथ अपनी समस्यायों और उसका कैसे निदान हो उस पर सुझाव देंगे।
समारोह में सभी अतिथियों का स्वागत वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. मनोरंजन मोहंती ने किया। डॉ. राजेंद्र ढाका, चेयरमैन, NYAS, ने युवा वैज्ञानिकों को होने वाली परेशानियों और उसके समाधान और INYAS के भूमिका पर प्रकाश डाला।
आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने काशी और बीएचयू का भारत में विज्ञान और तकनीकी में प्रभाव को बताया। उन्होंने कहा कि बीएचयू वह जगह है जहां हर तरह को शिक्षा उपलब्ध है और सबसे बड़ी बात इसका काशी में स्थित होना है, जो आज से ही नहीं पिछले हजारों वर्षों से ज्ञान की राजधानी रही है और इस कारण ऐसे विषयों पर विचार मंथन के लिए आईआईटी (बीएचयू) से बढ़िया जगह हो ही नही सकती।
डॉ. परविंदर मैनी, साइंटिफिक सचिव, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार ने भारत के विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में बढ़ते कदम के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि हम तेजी से विज्ञान और तकनीकी आगे बढ़ रहे हैं और उदाहरण के तौर पर अभी हम पब्लिकेशन के मामले में दुनिया में तीसरे नंबर पर आ गए हैं। उन्होंने भारत में बढ़ते स्टार्टअप और इनोवेशन कल्चर की तरफ भी ध्यान इंगित किया।
प्रो संजय शर्मा, आईआईटी (बीएचयू) ने बताया कि किस तरह यह मिशन पग दर पग इस अंजाम पर पहुंचा हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम से जो भी निष्कर्ष निकलेगा, उसे संकलित कर भारत सरकार को भेजा जायेगा। यह भारत में युवा वैज्ञानिकों को सशक्त बनाने के लिए तैयार किए जाने वाले नीति दस्तावेज के लिये बीज विचार के रूप में काम करेगा।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन दीपिका पोरवाल, साइंटिस्ट D, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय ने दिया।