वाराणसी। आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने कहा है कि संस्थाएं युवा प्रतिभाओं को पोषण देने के लिए हमेशा तैयार है। हम हर उन युवा खोजकर्ताओं का स्वागत करेंगे, जो अपने उत्पाद या स्टार्टअप को उड़ान देना चाहते हैं।
प्रो. जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार नई खोजों और स्टार्टअप के प्रसार के लिए कई कदम उठा रही है। इसी के तहत “आत्मनिर्भर भारत” के सपने को साकार करने के लिए इस काम में मदद करके हमको गर्व और खुशी महसूस होगी। ऐसे लोगों को संस्थान से पूरी तकनीकी और विशेषज्ञों का सहयोग मिलेगा।
संस्थान के डीन रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट प्रो. विकास दुबे ने कहा कि संस्थान युवा उद्यमियों को बाजार दिलाने में भी मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि संसथान के टेक्नोलॉजी बिजनेस इन्कुबेशन और एक्सेलेरेशन सेंटर इसके अलावा वित्तीय मदद भी कर सकते हैं। एक नेटवर्क दे सकते हैं, जो बौद्धिक संपदा अधिकार के क्षेत्र में युवा उद्यमियों की मदद कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि आईआईटी बीएचयू में पिछले दिनों हेल्थ-टेक हैकथॉन का आयोजन किया गया था। इसमें देश भर से चुनी गई 15 टीमों ने हिस्सा लिया था। हर टीम ने अपने उत्पाद और स्टार्टअप का प्रदर्शन किया। इसके आधार पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिए गए थे। ज्यूरी सदस्यों के निर्णय के आधार पर आईआईटी जम्मू के नीतीश कुमार और मोनिका कुमारी ने कोरोना वायरस की पहचान के लिए बनाई तकनीक के आधार पर पहला स्थान प्राप्त किया था। दूसरा पुरस्कार आईएमएस बीएचयू की वंदिता श्रीवास्तव और उनकी टीम को मिला था। इस टीम ने दांत के प्रत्यारोपण की अत्याधुनिक तकनीक विकसित की थी। तीसरा पुरस्कार कोलकाता के अभिषेक मिश्र को दिया गया था, जिन्होंने कम कीमत वाला पोर्टेबल डिजिटल माइक्रोस्कोप बनाया है।