वाराणसी। आईआईटी बीएचयू के स्कूल ऑफ बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के डॉ. प्रांजल चंद्रा और उनके शोध छात्र सुप्रतिम महापात्र को राष्ट्रीय “ईट राइट इंडिया रिसर्च अवार्ड” दिया गया है। यह अवार्ड उन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने दिया।
नई दिल्ली स्थित फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुख्यालय में विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर सात जून को आयोजित कार्यक्रम में डॉ. प्रांजल को यह अवार्ड दिया गया। डॉ. प्रांजल और उनकी टीम ने हाल ही में एक नैनो पोर्टेबल सेंसिंग डिवाइस ईजाद की है। इसके लिए उनका चयन इस प्रतिष्ठित अवार्ड के लिए किया गया है।
आईआईटी बीएचयू से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक डॉ. प्रांजल को इस पुरस्कार के लिए 280 लोगों में से चुना गया। सभी ने सामाजिक सुविधाओं के मद्देनजर एक से बढ़कर एक तकनीक ईजाद की थी। सभी तकनीक की बारीक छानबीन के बाद विजेता का निर्णय किया गया। अवार्ड समारोह में फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सीईओ अरुण सिंघल समेत कई अफसर और खाद्य एवं पोषण से जुड़े कई विशेषज्ञ मौजूद थे।
आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने इस उपलब्धि पर डॉ. प्रांजल व उनकी टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आईआईटी बीएचयू कई उद्योगों के सहयोग से नई तकनीक की खोज में जुटा है। साथ ही यहां के शिक्षकों और छात्रों को भी बेहतर अनुभव हासिल हो रहा है। ईजाद की जा रही सभी तकनीक पर पेटेंट हासिल करने की प्रक्रिया भी चल रही है।
डॉ. प्रांजल ने बताया कि उन्होंने जिस उपकरण की ईजाद की है, यह सामान्य व्यक्ति की हथेली के बराबर है और खाद्य पदार्थों की शुद्धता मापने में काफी सटीक है। इसे खासकर दुग्ध उद्योग में इस्तेमाल किया जा सकता है। लोगों के घरों के रसोईघर में भी इसका उपयोग हो सकता है। यह उपकरण कुछ ही पलों में सिगनल देने लगता है और ऐसे अन्य उपकरणों के मुकाबले कम समय लेता है।