नई दिल्ली। पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान कपिलदेव ने विश्वभर में घरेलू टी-20 क्रिकेट प्रतियोगिताओं के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई है। उन्होंने टेस्ट और एक दिवसीय क्रिकेट को बचाने के लिए उचित कदम उठाने का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद से आग्रह किया है।
कपिल की चिंता दक्षिण अफ्रीका और यूएई में अगले साल से शुरू होने वाली टी-20 प्रतियोगिताओं और अन्य देशों में हो रही ऐसी घरेलू सीरीज के चलते अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैलेंडर पर पड़ रहे दबाव को लेकर भी है। इसमें खासकर टेस्ट और एक दिनी मैचों को नुकसान होता दिख रहा है।
इंडियन प्रीमियर लीग को आईसीसी ने बड़ा विंडो दे दिया है। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया अपनी घरेलू टी-20 लीग के लिए भी ज्यादा समय चाहते हैं। टी-20 लीग की वजह से कुछ खिलाड़ी खेल के बड़े प्रारूपों से अलग हो रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण इंग्लैंड के बेन स्टोक्स हैं, जिन्होंने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका ने जनवरी में होने वाली अपनी पहली टी-20 लीग के लिए ऑस्ट्रेलिया में एक दिवसीय क्रिकेट सीरीज रद कर दी है।
भारत को 1983 में पहले एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खििताब दिलाने वाले कपिल देव ने कहा कि आईसीसी ने घरेलू और द्विपक्षीय क्रिकेट के बीच समन्वय बनाने का जिम्मा सदस्य देशों पर छोड़ दिया है, ताकि खिलाड़ियों पर पड़ने वाला दबाव कम किया जा सके। हालांकि यह आईसीसी की जिम्मेदारी है।