भुवनेश्वर। भारत ने हॉकी विश्व कप में शुक्रवार को अपने अभियान की विजयी शुरुआत की। भारत ने स्पेन को 2-0 से हरा दिया। भारत के लिए दोनों गोल अमित रोहिदास और हार्दिक सिंह ने किए। अमित को प्लेयर ऑफ द मैच किया गया। उनका किया पहला गोल हॉकी विश्व कप इतिहास का 200वां गोल भी था।
भारतीय खिलड़ियों ने आक्रामक शुरुआत की। पहले क्वार्टर में मिले पेनाल्टी कॉर्नर पर दूसरे प्रयास में अमित रोहिदास ने गोल दागकर भारत को बढ़त दिला दी। इस क्वार्टर में इसके बाद दोनों टीमों ने प्रयास किया, लेकिन गोल नहीं हो सका। दूसरे क्वार्टर की समाप्ति के करीब चार मिनट पहले स्पेन को पेनाल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन गोलकीपर किशन पाठक ने बेहतरीन बचाव किया। इसके तुरंत बाद हार्दिक सिंह ने जापान के चार डिफेंडरों को छकाते हुए जमीनी गोल दागकर भारत की बढ़त 2-0 कर दी। हाफ टाइम तक भारत इसी स्कोर के साथ प्रतिद्वंद्वी से आगे रहा।
तीसरे क्वार्टर के पहले ही मिनट ने स्पेनी खिलाड़ी ने अपने हिस्से में बड़ी गलती की और भारत को पेनाल्टी स्ट्रोक मिल गया। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने स्ट्रोक लिया लेकिन स्पेन के गोलकीपर ने बेहतरीन अनुमान लगाते हुए गेंद को रोक लिया। हालांकि मनप्रीत ने यह दावा करते हुए कि गेंद गोल लाइन पार कर गई है, रीव्यू लिया, लेकिन यह स्पेन के पक्ष में गया।
तीसरे क्वार्टर में भारत को आठवें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर मिला। हालांकि इसपर गोल नहीं हो सका। तीसरे क्वार्टर के डेढ़ मिनट पहले भारत ने फिर एक पेनाल्टी कॉर्नर हासिल किया और यह भी गंवा दिया।
चौथे क्वार्टर की शुरुआत में ही भारत को झटका लगा, जब अभिषेकपीले कार्ड के साथ मैदान से बाहर हो गए। भारत 10 खिलाड़ियों से खेल रहा था। स्पेनी खिलाड़ी भी लगातार दबाव बनाते हुए भारत के ही पाले में खेल रहे थे। आखिर हरमन ने एक स्कूप के जरिये इस दबाव को खत्म किया। आठवें मिनट में स्पेन ने हमलावर होते हुए गोल का प्रयास किया, लेकिन पाठक ने खूबसूरत बचाव करते हुए खतरा टाल दिया।
आखिरखार नवें मिनट में स्पेन ने पेनाल्टी कॉर्नर हासिल कर लिया। भारत ने रेफरल लिया पर रीप्ले देखने के बाद इसे नकार दिया गया। स्पेन के इस प्रयास को भी किशन पाठक ने बेकार कर दिया। खेल खत्म होने के ढाई मिनट पहले फिर स्पेन को पेनाल्टी कॉर्नर मिला। हालांकि भारत के लिए कोई खतरा नहीं हुआ। अंतिम मिनट में स्पेन ने फिर पेनाल्टी कॉर्नर की मांग की, लेकिन रेफरल के बाद इसे नकार दिया गया। अंतिम क्षणों में स्पेन ने काफी प्रयास किया, लेकिन गोल नहीं कर सका।