लखनऊ। वाराणसी निवासी हॉकी खिलाड़ी ललित उपाध्याय ने पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की सरकारी विभागों में राजपत्रित अधिकारी के पद पर सीधी भर्ती के फैसले का खुले दिल से स्वागत किया है। ललित टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे। उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला राज्य के खिलाड़ियों में उत्साह भरेगा और वे आगामी एशियाई खेलों और कॉमनवेल्थ खेलों में पदक हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार की योजना एक सितम्बर 2020 से लागू होगी। ऐसे में ललित के अलावा सुहास एलवाई (बैडमिंटन) और प्रवीण कुमार (ऊंची कूद) भी इस योजना के पात्र हैं। इन दोनों ने टोक्यो मे पैरालंपिक में रजत पदक जीते हैं। सुहास फिलहाल नोएडा के जिलाधिकारी पद पर कार्यरत हैं।
ललित ने बुधवार को हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा कि यह मेरे लिए एक बड़ा अवसर है। अपने प्रदेश की सेवा करना किसी के लिए भी सम्मान का विषय होता है। मैं इस दिन का वास्तव में इंतजार कर रहा था। वैसे ओलंपिक कांस्य पदक जीतने के तत्काल बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने ललित को पुलिस विभाग में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी का पद प्रस्तावित किया था। यह पुलिस उपअधीक्षक के समकक्ष होता है। हालांकि इस साल जनवरी में इस तेजतर्रार फारवर्ड खिलाड़ी ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था।
ललित ने कहा कि राज्य सरकार का ताजा फैसला खिलाड़ियों का उत्साह तो बढ़ाएगा ही, अच्छा जॉब मिलने के कारण अब खिलाड़ियों का पलायन भी रुकेगा। प्रदेश सरकार के फैसले के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को नौ विभागों के 24 राजपत्रित पदों पर सीधी भर्ती दी जाएगी। ललित ने कहा कि मैं जल्दी ही पुलिस विभाग में काम के लिए आधिकारिक तौर पर आवेदन प्रस्तुत करूंगा। मुझे इस विभाग में सेवा देकर काफी आनंद का अनुभव होगा। साथ ही विभागीय प्रोन्नति का अवसर भी रहेगा। उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव आनंदेश्वर पांडेय ने भी कहा कि राज्य सरकार का फैसला प्रदेश में खेल और खिलाड़ियों के उन्नयन के लिए काफी असरकारक साबित होगा।