पेरिस। रोलां गैरों पर रविवार की शाम खिताब के लिए होने वाली जंग पेशेवर होने के साथ भावनात्मक भी होगी। रिकॉर्ड 14वां फ्रेंच ओपन और 21वां ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने का लक्ष्य लेकर कोर्ट पर उतरने वाले स्पेन के राफेल नडाल का सामना अपनी ही टेनिस एकेडमी के प्रशिक्षु नॉर्वे के कैस्पर रूड से होगा।

नडाल इस मैच के साथ ही उन खिलाड़ियों में शुमार हो जाएंगे, जिन्होंने 30 या इससे ज्यादा ग्रैंडस्लैम फाइनल खेले हैं। इस क्लब में रोजर फेडरर और नोवाक जोकोविच पहले से शामिल हैं। रूड ने सेमीफाइनल मैच जीतने के बाद कहा था कि नडाल ने बहुतेरे फाइनल खेले हैं पर यह शायद पहला मौका होगा, जब वह अपनी ही एकेडमी के छात्र के खिलाफ कोर्ट में खड़े होंगे।
नडाल को इस बार फाइनल में पहुंचने के लिए खास मेहनत नहीं करनी पड़ी। सेमीफाइनल में जर्मनी के एलेक्जेंडर ज्वेरेव के चोटिल होने से पहले दो सेट हुए और दोनों ही टाईब्रेकर तक पहुंचे थे। पहला सेट नडाल ने जीता, लेकिन दूसरे सेट के टाईब्रेकर के पहले ही ज्वेरेव के पैर में मोच आ गई और वह मुकाबले से हट गए थे।
दूसरी ओर रूड ने सेमीफाइनल में क्रोशिया के मारीन सिलिच को 3-6, 6-4, 6-2, 6-2 से हराया। रूड नार्वे के पहले खिलाड़ी हैं जो किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में पहुंचे हैं। वह सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद ही नार्वे के पहले ऐसे खिलाड़ी बन गए थे।
नडाल और रूड का पेशेवर टेनिस कोर्ट पर यह पहला मुकाबला है। हालांकि ये दोनों नडाल टेनिस अकादमी में कई बार एक दूसरे के खिलाफ अभ्यास कर चुके हैं। इसके पहले पहली बार दो खिलाड़ियों का आमना-सामना 2008 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन में हुआ था, जब नोवाक जोकोविच और जो विल्फ्रेड सोंगा भिड़े थे। इसके भी पहले ऐसा मैच 1997 में गुस्ताव कुअर्तेन और सर्जेई ब्रुगुएरा के बीच रोलां गैरों के फाइनल में हुआ था।
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