नई दिल्ली। वान डर डुसान और डेविड मिलर के आतिशी अर्धशतकों और इन दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए हुई 133 रन की अविजित साझेदारी की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने भारत को यहां शृंखला के पहले टी-20 मैच में सात विकेट से हरा दिया। इन दोनों बल्लेबाजों ने पांच गेंदें शेष रहते अपनी टीम को 212 रन का लक्ष्य हासिल कराया। दिशाहीन गेंदबाजी और खराब क्षेत्ररक्षण के चलते भारत की युवा टीम ने हाथ में आया मैच गंवा दिया। डुसैन 46 गेंदों पर सात चौके और पांच छक्के की मदद से 75 और मिलर 31 गेंदों में चार चौके और पांच छक्के की मदद से 64 रन बनाकर अविजित रहे।
दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत अच्छी नहीं रही। कप्तान तेंबा बावुमा जल्दी ही आउट हो गए। हालांकि इसके बाद डिकॉक और प्रीटोरियस ने तेजी से रन बटोरे, लेकिन ये दोनों ही बल्लेबाज जल्दी-जल्दी आउट भी हो गए। दक्षिण अफ्रीकी पारी पर दबाव बढ़ गया था। इसके बाद डेविड मिलर और वान डर डुसैन ने पारी संभाली। खासकर मिलर काफी आक्रामक रहे। इन दोनों ने चौथे विकेट के लिए 50 रन की साझेदारी काफी तेजी से पूरी की। मिलर ने 22 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। इसमें तीन चौके और चार छक्के शामिल थे। यह उनका टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में पांचवां अर्धशतक रहा।
भारत को यह साझेदारी तोड़ने का मौका 16वें ओवर में मिला, लेकिन आवेश खान की गेंद पर डुसैन का आसान कैच मिडविकेट बाउंड्री के पास श्रेयस अय्यर ने गिरा दिया। उस समय प्रिटोरियस 29 रन पर थे और दक्षिण अफ्रीका का कुल स्कोर 149 रन था। 17वें ओवर में हर्षल पटेल की पहली दो फुलटॉस गेंदों पर डुसैन ने छक्के जड़े और तीसरी गेंद पर चौका लगाकर लक्ष्य को और नजदीक कर दिया। चौथी गेंद पर एक और छक्का जड़ते हुए उन्होंने अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। इसमें तीन चौके और चार चक्के शामिल थे।
इसके पहले भारत के युवा बल्लेबाजों ने प्रमुख खिलाड़ियों की गैर मौजूदगी खलने नहीं दी। भारत ने 20 ओवरों में 211 रन बनाए, जो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उसका सर्वाधिक स्कोर है। फिरोजशाह कोटला कि पिच पर काफी दरारें थीं। इसे देखते हुए दक्षिण अफ्रीकी कप्तान तेंबा बावुमा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। पहला ओवर बाएं हाथ के स्पिनर केशव महाराज ने किया। उनकी पहली गेंद ऑफ स्टंप के बाहर से स्पिन होकर लेग स्टंप के बाहर से निकली। विकेटकीपर क्विंटन डिकॉक भी इसे नहीं पकड़ सके। वाइड के रूप में चार अतिरिक्त रन मिले।
इशान किशन और ऋतुराज गायकवाड ने भारतीय पारी को तेज शुरुआत दी। इशान जहां संभलकर स्ट्रोक खेल रहे थे, गायकवाड को गेंदों को टाइम करने में दिक्कत हो रही थी। सातवें ओवर में ऋतुराज ने एनरिच नोर्त्जे के ओवर की पहली गेंद पर स्क्वायरलेग में छक्का मारा। हालांकि इस गेंद पर आउट होने से भी बचे। दूसरी गेंद की गति को वह भांप नहीं सके और मिडविकेट पर कप्तान बावुमा को कैच दे बैठे।
श्रेयस अय्यर ने आते ही गेंदबाजों पर प्रहार शुरू किया। खासकर वह स्पिनरों को कोई मौका नहीं देना चाहते थे। उन्होंने बाएं हाथ के गेंदबाज तबरेज शम्सी के खिलाफ खासकर हल्ला बोला। शम्सी की गेंदों को उन्होंने स्पिन होने का मौका नहीं दिया। क्रीज से बाहर निकलकर स्ट्रोक खेले और परिणाम छक्के के रूप में सामने आये। हालांकि 10वें ओवर में केशव महाराज की तीसरी गेंद को बाहर निकलकर मारने में अय्यर चूके, लेकिन विकेटकीपर गेंद को पकड़ नहीं सके और श्रेयस को जीवनदान मिल गया। श्रेयस उस समय 25 के निजी स्कोर पर थे।
इसी ओवर में पांचवीं गेंद पर इशान ने मिडविकेट के ऊपर से जोरदार छक्का लगाकर अर्धशतक पूरा किया। अगली गेंद उन्होंने हवा में खेली, लेकिन वहां कोई फील्डर नहीं था। इशान ने केशव महाराज के तीसरे और पारी के 13वें ओवर में दो छक्के और दो चौके की मदद से पहली चार गेंदों में 20 रन जुटाए। पांचवीं गेंद सीधी पैड पर लगी। इशान ने डीआरएस लिया और स्पष्ट था कि गेंद बल्ले लगने के बाद पैड पर लगी है। हालांकि इस ओवर की अंतिम गेंद पर लॉंग ऑन के ऊपर से छक्का मारने के प्रयास में स्टबस को कैच दे बैठे। किशन ने 48 गेंदों पर 74 रन की अपनी पारी में 11 चौके और तीन छक्के लगाए।
अंतिम ओवर में नोर्त्जे की पहली गेंद पर ऋषभ पंत आउट हो गए। नए बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने एक रन लेकर पांड्या को स्ट्राइक दी। चौथी गेंद पर पांड्या ने छक्का मारा, लेकिन अगली दो गेंदों पर नॉर्त्जे ने दो ही रन दिये। पंत ने 16 गेंदों पर दो चौके और इतने ही छक्के की मदद से 29 रन बनाए। पांड्या 12 गेंदों पर तीन छक्के और दो चौके की मदद से 31 रन बनाकर नाबाद रहे।
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