मुबई। ऑस्ट्रेलिया में अगले महीने शुरू हो रहे टी-20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम के चयन पर कई खिलाड़ियों और प्रशंसकों ने चयनकर्ताओं को निशाने पर ले रखा है। सभी कुछ प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों को टीम में शामिल नहीं करने के फैसले की तीखी आलोचना कर रहे हैं। इस बीच टीम चयन के दौरान ऐसा भी कुछ हुआ, जिससे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड भी निशाने पर आ गया है।
दरअसल चेतन शर्मा की अध्यक्षता वाली जिस चयनसमिति ने टीम का चयन किया, उसमें पश्चिमी जोन का प्रतिनिधित्व ही नहीं था। चयन समिति में इस जोन का प्रतिनिधित्व कर रहे अबी कुरुविला का कार्यकाल इस साल फरवरी में ही खत्म हो गया था। इसके बाद से इस जोन से कोई सदस्य नहीं बनाया गया। हालांकि बोर्ड के अधिकारी इस दौरान यही कहते रह गए कि इसकी प्रक्रिया चल रही है।
अबी कुरुविला को बोर्ड के नियमों के तहत पद छोड़ना पड़ा था। इसके मुताबिक कोई भी व्यक्ति एक समान पद पर पांच साल से ज्यादा नहीं रह सकता। दिसम्बर 2020 में राष्ट्रीय चयनसमिति का सदस्य नामित किये जाने से पहले कुरुविला चार साल तक जूनियर चयन समिति के सदस्य रहे। इस कारण इस साल फरवरी में राष्ट्रीय चयन समिति में उनका कार्यकाल खत्म हो गया।
राष्ट्रीय चयन समिति में उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम और मध्य जोन का प्रतिनिधित्व होता है। चयन समिति के मौजूदा पैनल में चेतन शर्मा के अलावा सुनील जोशी, हरविंदर सिंह और देबाशीष मोहंती शामिल हैं।
बोर्ड के संविधान के मुताबिक चयनकर्ताओं को चुनने के लिए क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) साक्षात्कार करती है। इस समिति में भी पिछले साल अक्तूबर से एक सदस्य कम है। उस समय सीएसी के प्रमुख मदनलाल ने 70 वर्ष उम्र पूरी हो जाने पर पद छोड़ दिया था। इसके बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच के चयन के लिए सीएसी के दो सदस्यों आरपी सिंह और सुलक्षणा नाइक ने साक्षात्कार लिए थे। तब राहुल द्रविड़ को मुख्य कोच बनाया गया था। इसके बाद से सीएसी की बैठक भी नहीं हुई है। सीएसी में एक सदस्य के चयन के लिए भी अबतक कोई प्रयास नहीं हुआ है।