नई दिल्ली। लगभग दो दशक पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में धमाकेदार शुरुआत करने वाले सिक्सर किंग युवराज सिंह अपने करियर से संतुष्ट नहीं दिखते। कई उतार-चढ़ाव झेल चुके युवराज का मानना है कि खेल में अंततक बने रहने के लिए टीम का सपोर्ट काफी जरूरी है। यह किसी को मिलता है और किसी को नहीं।
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक युवराज ने एक इंटरव्यू में अपने करियर से जुड़ी कई बातें कीं। उन्होंने संकेत किया कि आप भले ही मैच विनर हो पर सपोर्ट नहीं है तो करियर ज्यादा नहीं चलता। मानसिक दबाव अलग से पड़ता है। उन्होंने कहा कि महेंद्र सिंह धौनी को टीम की ओर से पूरा सपोर्ट मिला। इसकी वजह से उन्होंने लंबे समय तक क्रिकेट खेला। 2007 में खेले गए पहले टी-20 विश्वकप टूर्नामेंट में इंग्लैंड के खिलाफ छह गेंद पर छह छक्के जड़ने और सिर्फ 12 गेंदों पर अर्धशतक पूरा करने वाले युवराज ने अगले सात साल इतने उतार-चढ़ाव देखे कि 2014 के टी-20 विश्वकप के फाइनल में 21 गेंदों पर महज 11 रन बना सके थे। इसका कारण युवराज ने टीम से सपोर्ट नहीं मिलने को बताया।
युवराज ने कहा कि 2014 के विश्वकप फाइनल में मैं रन नहीं बना पा रहा था। मुझसे गेंद हिट नहीं हो रही थी। मैंने आउट होना चाहा तो वह भी नहीं हुआ। सिक्सर किंग ने कहा कि मैं अकेला नहीं हूं। वीवीएस लक्ष्मण, हरभजन, सहवाग, गौतम गंभीर सरीखे खिलाड़ियों को भी टीम का सपोर्ट नहीं मिला।
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