मुंबई। न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर डेनियल विटोरी ने वाइड गेंदों पर फैसले को भी डीआरएस के पुष्ट कराने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि खासकर टी-20 मैचों में महत्वपूर्ण मौकों पर मैदानी अंपायरों से चूक हो सकती है और ऐसे में गेंदबाजी कर रही टीम को नुकसान पहुंच सकता है।
ईएसपीएनक्रिकइंफो के मुताबिक सोमवार को राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइटराइडर्स के बीच मैच के बाद विटोरी ने शो म्यूट मी लास्ट वीक में कहा कि कई बार मैदानी अंपायरों के फैसलों से खिलाड़ी असहज हो जाते हैं। केकेआर के खिलाफ राजस्थान के कप्तान संजू सैमसन के सामने भी ऐसी ही स्थिति आई जब 19वें ओवर में प्रसिद्ध कृष्णा की तीन गेंदें मैदानी अंपायर नितिन पंडित ने वाइड करार दे दीं। यह फैसला तब दिया गया, जब कृष्णा के गेंद फेकने से पहले ही बल्लेबाज ने क्रीज में अपनी स्थिति बदल ली थी।
विटोरी ने कहा कि संजू ने एक वाइड गेंद पर कैच की अपील की और डीआरएस लिया था। यह हो सकता है कि अंपायर के वाइड के फैसले का प्रतिकार रहा हो। मेरा मानना है कि खिलाड़ियों को वाइड गेंदों को रिव्यू करने का अधिकार होना चाहिए। इस बारे में दक्षिण अफ्रीकि क्रिकेटर इमरान ताहिर ने भी विटोरी से सहमति जताई। उन्होंने कहा कि जब बल्लेबाज गेंद को चारों और हिट कर रहा हो, तो गेंदबाज के सामने यार्कर या थोड़ा वाइड गेंद फेकने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। मैं इससे सहमत हूं कि ऐसे मौकों पर अंपायर के फैसले के खिलाफ रिव्यू लेने का अधिकार खिलाड़ी के पास होना चाहिए।
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