क्राइस्टचर्च। जब दिग्गज भारतीय बल्लेबाज न्यूजीलैंड की गेंदबाजी के समक्ष घुटने टेक रहे थे, तब एक गेंदबाजी ऑलराउंडर ने आक्रमण का बेहद संजीदगी से सामना किया। यह ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर था, जिसने करियर का पहला एक दिनी अर्धशतक भी पूरा किया। दाएं हाथ से गेंदबाजी और बाएं हाथ से बल्लेबाजी करने वाले सुंदर ने भारत की एक दिवसीय और टेस्ट टीम के लिए अपनी उपयोगिता काफी मजबूत तरीके से सामने रखी है। टी-20 प्रारूप में उन्हें अभी योग्यता सिद्ध करना बाकी है। सुंदर ने 64 गेंदों पर पांच चौके और एक छक्के की मदद से 51 रन बनाए।
क्राइस्टचर्च में न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के तीसरे और आखिरी मैच में सुंदर जब क्रीज पर पहुंचे, तब कप्तान शिखर धवन, शुभमन गिल, ऋषभ पंत, सूर्यकुमार यादव, श्रेयस अय्यर जैसे दिग्गज 26वें ओवर में 121 रन के स्कोर तक पैवेलियन पहुंच चुके थे। इनमें से श्रेयस ने ही 49 रन की उपयोगी पारी खेली। श्रेयस के लिए भी यह सीरीज अच्छी रही। पहले मैच में भी उन्होंने 80 रन बनाए थे।
23 साल के सुंदर जब क्रीज पर आए तब दीपक हुड्डा उनका साथ देने के लिए तैयार थे। हालांकि हुड्डा भी ज्यादा देर तक विकेट पर नहीं टिक सके। 149 के स्कोर पर हुड्डा आउट हुए तो सुंदर के साथ पुछल्ले बल्लेबाज ही मौजूद थे। सुंदर ने यहां से स्कोर को 219 रन तक पहुंचाया। यानी दीपक चाहर, युज्वेंद्रा चहल, अर्शदीप सिंह और उमरान मलिक के साथ उन्होंने कुल 70 रन जोड़े। सुंदर आखिरी बल्लेबाज के रूप में आउट हुए।
वैसे सुंदर थोड़े अनुभवी होते तो भारत का स्कोर 250 रन के आसपास पहुंच सकता था। हुड्डा के आउट होने के बाद भारतीय बल्लेबाजों ने 87 गेंदें खेलीं। कोटे के 50 ओवर पूरे होने में 15 गेंदें शेष रह गई थीं। दीपक चाहर ने 12, युज्वेंद्रा ने आठ और अर्शदीप ने नौ रन बनाए। इन तीनों ने लंबे स्ट्रोक भी खेले। सुंदर अगर इन बल्लेबाजों से बात करके योजना के तहत एक-दो रन लेकर स्ट्राइक रोटेट करते तो कुछ और रन बन सकते थे। हालांकि अब यह बात बेमानी हो सकती है, लेकिन इसका लाभ अगले मैचों में जरूर उठाया जा सकता है। यह भी कह सकते हैं कि रवींद्र जाडेजा के बेहतर विकल्प के रूप में सुंदर ने खुद को प्रस्तुत किया है।