गुवाहाटी। काफी अरसे बाद भारत का शीर्ष क्रम पूरी तरह फॉर्म में नजर आया। इस साल के अंत में भारत में होने वाले एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्वकप के मद्देनजर यह राहत वाली बात हो सकती है। हालांकि इस फॉर्म को जारी रखना टीम के लिए बड़ी चुनौती भी होगी। लगभग ढाई साल तक फॉर्म से जूझकर रंग में लौटे विराट कोहली ने भाग्यशाली शतक जड़कर सचिन तेंदुलकर को पीछे भी छोड़ा।
श्रीलंका के खिलाफ तीन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज के यहां मंगलवार को खेले गए पहले मैच में विराट को 52 और 81 रन के निजी स्कोर पर दो जीवनदान मिले। पहले कासुन रजिता की गेंद पर विकेटकीपर कुसल मेंडिस आसान कैच नहीं पकड़ सके। फिर कप्तान शनाका ने करुणारत्ने की गेंद पर विराट का कैच हाथ में लेकर गिरा दिया। हालांकि यह खेल का हिस्सा है। इससे कोहली के 45वें एक दिनी शतक को कमतर नहीं किया जा सकता। कोहली का श्रीलंका के खिलाफ यह नवां शतक रहा। इसके पहले सचिन तेंदुलकर ने इस द्वीपीय देश के खिलाफ आठ शतक जड़े थे।
कोहली ने 87 गेंदों में 17 चौके और एक छक्के की मदद से 113 रन बनाए। हालांकि वह 49वें ओवर में जिस तरह का स्ट्रोक खेलकर आउट हुए, वहां इसकी जरूरत नहीं थी। कोहली जब आउट हुए तो 10 गेंदें शेष थीं। कोहली अगर अंतत विकेट पर रहते तो शायद स्कोर 390 के पार दिखाई देता।
पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी
रोहित शर्मा-शिखर धवन और फिर शिखर धवन-शुभमन गिल के बाद अब रोहित शर्मा-शुभमन गिल की जोड़ी पारी शुरू करने उतरी थी। खासकर रोहित के सामने फॉर्म हासिल करने की चुनौती रही। वह दो बार पगबाधा की जोरदार अपील से उबरे। दोनों बार अम्पायर ने उन्हें नॉटआउट करार दिया और डीआरएस में अम्पायर्स कॉल की वजह से वह क्रीज पर बने रहे। गिल भी एक बार ऐसी स्थिति से गुजरे, लेकिन अंततः वह पगबाधा ही आउट हुए। गिल ने 60 गेंदों पर 11 चौके और एक छक्के की मदद से 70 रन बनाए। उधर 67 गेंद पर नौ चौके और तीन छक्के की मदद से 83 रन बनाने के बाद रोहित भी मधुशंका की ऑफ स्टम्प के काफी बाहर की गेंद को अपने स्टम्प पर खेल बैठे।
अय्यर और राहुल पर दबाव बना रहेगा
श्रेयस अय्यर और केएल राहुल ने ठीक ही बल्लेबाजी की और क्रमशः 28 और 39 रन ठोके। हालांकि डग आउट में इशान किशन और सूर्यकुमार यादव का बैठना इन दोनों पर दबाव बनाता दिखाई दिया। इशान किशन ने हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में रिकॉर्ड दोहरा शतक जड़ा था। वह बेहतरीन विकेटकीपर के रूप में भी स्थापित हो चुके हैं। राहुल इस मैच में बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज खेल रहे हैं। लिहाजा उनपर विकेटकीपिंग में खास करने का दबाव होगा। बांग्लादेश के खिलाफ महत्वपूर्ण मौके पर मेहदी हसन का कैच छोड़कर वह भारत की हार का कारण बने थे। श्रेयस के पीछे सूर्यकुमार खड़े हैं। अगर अगले मैच में सूर्यकुमार एकादश में आते हैं तो हो सकता है कि श्रेयस को कुछ मैचों में डगआउट में बैठना होगा।