भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन इस बात से पूरी तरह असहमत हैं कि कोचिंग स्टाफ को अवकाश नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब खिलाड़ियों को विश्राम दिया जा सकता है तो कोचिंग स्टाफ को इससे अलग कैसे किया जा सकता है। अश्विन पूर्व कोच रवि शास्त्री की उस टिप्पणी पर जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्य कोच राहुल द्रविड़ और उनके सहयोगियों को न्यूजीलैंड दौरे पर टीम के साथ होना चाहिए था।

शास्त्री का मानना है कि कोचिंग स्टाफ टीम के साथ रहेगा, तभी उसे टीम और खिलाड़ियों को करीब से समझने का मौका मिलेगा। शास्त्री ने कहा कि ऐसे अवकाश बेहद गैर जरूरी हैं। भारतीय टीम के कोच को आईपीएल के दौरान दो-तीन महीने का ब्रेक मिलता है। मेरे हिसाब से यह काफी है। जब टीम दौरे पर हो या घरेलू सीरीज खेल रही हो, तब कोचिंग स्टाफ को छुट्टी नहीं लेनी चाहिए। कोच चाहे जो भी हो, उसका टीम के साथ रहना जरूरी है।
शास्त्री की इस टिप्पणी पर अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि जब रोहित शर्मा, विराट कोहली, केएल राहुल और मेरे जैसे खिलाड़ियों को अवकाश मिल सकता है, तो विश्व कप जैसी कठिन प्रतियोगिता के बाद कोचिंग स्टाफ को भी अवकाश मिलना चाहिए। गौरतलब है कि न्यूजीलैंड दौरे पर नियमित कोचिंग स्टाफ राहुल द्रविड़, विक्रम राठौर और पारस म्हाम्ब्रे के स्थान पर वीवीएस लक्ष्मण, हृषिकेष कानितकर और साइराज बाहुतुले टीम के साथ गए हैं। द्रविड़ और उनकी टीम चार दिसम्बर से बांग्लादेश दौरे पर टीम के साथ जुड़ेगी।
अश्विन ने कहा कि न्यूजीलैंड दौरे पर जो टीम गई है, वह विश्व कप की टीम से पूरी तरह अलग है। द्रविड़ और उनकी टीम ने विश्व कप शुरू होने से पहले काफी कड़ी मेहनत की थी। मैंने इसे काफी करीब से देखा है। वह अपनी योजनाओं पर काफी बारीकी से सोचते थे और उसे अमल में लाने का प्रयास करते थे। खेल मैदान और विपक्षी के मुताबिक रणनीति बनाई जाती थी। ऐसी स्थिति में उन्हें भी काफी मानसिक और शारीरिक तनाव का सामना करना पड़ा। इससे उबरने के लिए कुछ वक्त आराम की जरूरत भी होती है।
हार्दिक पांड्या के नेतृत्व वाली भारतीय टीम इस समय टी-20 अंतरराष्ट्रीय शृंखला खेलने के लिए न्यूजीलैंड के दौरे पर है। इस दौरे का शुक्रवार को खेला जाने वाला पहला मैच बारिश की वजह से धुल गया था। शृंखला का अगला मैच रविवार को माउंट मॉंगनुई में खेला जाना है।