आर. संजय
भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड में तीन टी-20 मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली है। गेंद और बल्ले दोनों से ही खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरी ओर विश्वकप के आयोजन में अब तीन महीने बचे हैं। इस लिहाज से इस टूर्नामेंट के लिए टीम का एक स्वरूप अब दिखने लगना चाहिए। हालांकि ऐसा अबतक हुआ नहीं है। प्रयोगों का दौर अब भी जारी है।
आईपीएल की समाप्ति और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टी-20 शृंखला के दौरान यह चर्चा थी कि शिखर धवन विश्वकप की योजना में शामिल नहीं हैं। ऐसी ही कुछ बात विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के मामले में भी थी। भारतीय टीम को अगले कुछ दिनों में जिम्बाब्वे और वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 मैचों की सीरीज खेलनी है। इनमें से एक में शिखर धवन भारतीय टीम के कप्तान भी होंगे। पिछले कुछ अर्से में वह टीम का नेतृत्व करने वाले संभवतः आठवें खिलाड़ी होंगे। इस सबके बीच विराट कोहली पर किसी तरह की चर्चा नहीं होती दिख रही।
बर्मिंघम में शनिवार को मैच जीतने के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने इस बात का संकेत दिया था कि रविवार के अंतिम मैच में बेंच स्ट्रेंथ को आजमाया जा सकता है। इससे क्या यह अंदाजा लगाना उचित होगा कि संभवतः विराट कोहली इस मैच में टीम में नहीं दिखेंगे। पिछले तीन साल से कोहली रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं। शनिवार के मैच में भी ऐसा ही हुआ। ऋषभ पंत रन बनाने में कामयाब तो रहे, लेकिन वे अपनी गलतियों को दुरुस्त करते नहीं दिखे।
दूसरी ओर दीपक हुड्डा इंग्लैंड की परिस्थितियों में भी लगातार बेहतरीन बल्लेबाजी कर रहे हैं। सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पांड्या, रवींद्र जडेजा और दिनेश कार्तिक मध्य क्रम से लेकर निचले क्रम तक को मजबूती दे रहे हैं। भुवनेश्वर कुमार की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजी में धार दिख रही है। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने जिस तरह अंग्रेज दिग्गज बल्लेबाजों को छकाया, वह उत्साहजनक रहा।
विश्व कप से पहले भारतीय टीम जिम्बाब्वे, वेस्टइंडीज के अलावा अमेरिका में मैच खेलेगी। अक्तूबर में ऑस्ट्रेलिया में मौसम इंग्लैंड के जैसा ही रहने की उम्मीद है। दिन में 22 से 24 डिग्री और रात में 14 डिग्री सेल्सियस तक तापमान रह सकता है। वहां की पिचें भी तेज और उछाल वाली होंगी। ऐसे में प्रयोगों का सिलसिला छोड़कर एक टीम तैयार करने पर ध्यान लगाना होगा। रोहित शर्मा शनिवार के मैच के बाद यह कह चुके हैं कि हम एक ग्रुप के रूप में रणनीति तैयार करने में जुटे हैं। इसपर अमल करने की कोशिश भी की जा रही है। अंदेशा यह है कि प्रयोग जारी रहे तो कहीं विश्वकप की तैयारी में झोल न रह जाय।