आर. संजय
आईपीएल-2022 अब अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ चला है। इस बार इस प्रतियोगिता ने जहां भारतीय क्रिकेट के लिए नई उम्मीदों के दरवाजे खोले, वहीं निराशा के भी बड़े मुकाम दिखाए हैं। जिन कंधों पर टीम की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी थी, वे कंधे इस आईपीएल में बेहद कमजोर नजर आए। खेल से लेकर नेतृत्व तक की बात करें तो लगता है कि भारतीय टीम में एक बड़े फेरबदल का समय आ गया है।
रोहित शर्मा, विराट कोहली, रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन ऐसे नाम हैं तो हाल तक विपक्षी टीमों के लिए खौफ बने हुए थे। अब इनका खेल और उम्र फिलहाल उतार की ओर है। ऋषभ पंत, सूर्यकुमार यादव, इशान किशन, मोहम्मद सिराज तेजी से उभरते दिख रहे थे, लेकिन आईपीएल में इनकी मौजूदगी भी कुछ खास महसूस नहीं हुई। हां, दिनेश कार्तिक ने जरूर टीम में वापसी का दावा मजबूत किया। पर, वह भी उम्र की उस दहलीज की ओर हैं, जहां से खेल को विदा कहा जाता है।
दूसरी ओर केएल राहुल और हार्दिक पांड्या ने न सिर्फ खेल, बल्कि नेतृत्व में भी अपनी अद्वितीय क्षमता का आभास करा दिया है। आज का समय उस दौर की याद दिलाता है, जब 2007 में एक दिवसीय विश्वकप में करारी पराजय के बाद टीम के दिग्गजों पर गाज गिरी थी। विश्वकप के बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एक तरह से पूरी एक दिनी टीम ही बदल दी गई। इस टीम ने एक दशक से ज्यादा समय तक विश्व क्रिकेट पर राज किया। इस टीम की सफलता की कहानी अभी पुरानी नहीं हुई है। महेंद्र सिंह धौनी और उसके बाद विराट कोहली के नेतृत्व में टीम ने सफलता के नए झंडे गाड़े थे।
2019 के एक दिनी विश्वकप के बाद से भारतीय टीम के प्रदर्शन में बड़े उतार-चढ़ाव आए। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में बेहतर प्रदर्शन के बाद दक्षिण अफ्रीका में करारी हार भी झेलनी पड़ी। यूएई में हुए टी-20 विश्वकप में तो काफी खराब हाल हुआ टीम का। उम्मीद है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की चयन समिति अगले एक दशक की टीम बनाने के लिए कुछ कड़े फैसले करेगी।
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