नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया में इस साल होने वाले टी-20 विश्वकप के लिए भारतीय टीम का चयन देखना काफी दिलचस्प होगा। हालांकि चयनकर्ताओं के लिए यह काम कांटों भरी राह पर चलने जैसा है।
भारत को 2007 के पहले टी-20 विश्वकप की जीत का प्रदर्शन दोहराने के लिए खिलाड़ियों के चयन में खासा सावधानी बरतनी होगी। इस समय 40 से ज्यादा ऐसे खिलाड़ी हैं, जो विश्वकप के लिए प्रबल दावेदार हैं। इनमें से कौन से 20 खिलाड़ियों को विश्वकप के लिए चुना जाता है, यह देखने लायक होगा। वैसे टी-20 विश्वकप के बाद अगले साल भारत में एक दिनी अंतरराष्ट्रीय विश्वकप भी होना है, तो इनमें से कई खिलाड़ी इसके लिए भी प्रयास में लगे हैं।
टी-20 विश्वकप खत्म होने के साथ ही एक दिवसीय विश्वकप के लिए तैयारियां शुरू हो जाएंगी। कई भारतीय खिलाड़ी खुद को इस प्रारूप में बेहतर से बेहतर बनाने का प्रयोस करेंगे। इनमें एक नाम ऐसा है, जिसको एक दिवसीय विश्वकप के लिए टीम में अपनी जगह हर हाल में सुरक्षित रखने का प्रयास करेगा। यह खिलाड़ी है शिखर धवन। धवन टेस्ट टीम से लंबे समय से बाहर चल रहे हैं। अब भारतीय टीम की टी-20 क्रिकेट की योजना से भी उन्हें अलग किया जा चुका है। धवन ने वेस्टइंडीज में बुधवार को खत्म हुई तीन एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज में टीम का नेतृत्व करते हुए भारत को 3-0 से विजय दिलाई। उन्होंने दो अर्धशतक भी बनाए। ऐसे में वह उम्मीद कर सकते हैं कि अपने देश में खेले जाने वाले विश्वकप के लिए उन्हें टीम में जगह मिलेगी। यही नहीं, पिछले कई वर्षों से धवन और रोहित शर्मा एक दिनी मैचों में ओपनिंग कर रहे हैं और कई रिकॉर्ड भी बनाए हैं।
इंडियन प्रीमियर लीग की गवर्निंग काउंसिल केसदस्य और पूर्व भारतीय स्पिनर प्रज्ञान ओझा मानते हैं कि एक दिनी मैचों में ओपनिंग के लिए धवन के सामने केएल राहुल और ईशान किशन चुनौती बनकर खड़े हैं। फिर भी चयनकर्ता बाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज धवन की अनदेखी नहीं कर सकते हैं।