नई दिल्ली। अरुण जेटली स्टेडियम की पिच नागपुर के मुकाबले कुछ बेहतर खेली। स्पिनरों को इस पिच पर भी काफी मिली। बाॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के दूसरे मैच के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 263 रन बनाए, जिसके जवाब में भारत ने खेल समाप्ति के समय तक बिना विकेट खोए 21 रन बना लिए थे। रोहित 13 और राहुल चार रन बनाकर क्रीज पर थे।
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में संभवतः यह पहली बार हुआ, जब टीम एक ही पेसर के साथ खेली। टीम के लिए मैथ्यू कुनेमैन को अतिरिक्त स्पिनर के रूप में शामिल किया गया। कुनेमैन का यह पहला टेस्ट है। उन्होंने अबतक 14 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। भारत की पारी के पहले दिन के अंतिम ओवर में नाथन लिओन की गेंद पर अंपायर ने रोहित शर्मा को कैच आउट करार दे दिया था, लेकिन डीआरएस में स्पष्ट हुआ कि गेंद बल्ले से नहीं लगी थी। खेल के अंतिम क्षणों में गेंद काफी नीच रह रही थी।
इसके पहले ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 263 रन पर खत्म हुई। मोहम्मद शमी ने अंतिम बल्लेबाज मैथ्यू कुनेमैन को बोल्ड कर पारी में चौथा विकेट हासिल किया। ख्वाजा के बाद पीटर हैंड्सकॉम्ब ने नाबाद अर्धशतक बनाया। वह 72 रन बनाकर अविजित रहे। उन्होंने अपनी पारी में नौ चौके जड़े। ख्वाजा ने अपनी 81 रन की पारी में 12 चौके और एक छक्का लगाया। अश्विन और जडेजा ने तीन-तीन विकेट लिए।
जडेजा ने समेट दी थी ऑस्ट्रेलिया की पारी लेकिन…
रवींद्र जडेजा ने हैंड्स्कॉम्ब को कवर में अश्विन के हाथों कैच कराकर ऑस्ट्रेलियाई पारी को 257 रन पर समेट दिया। भारतीय ओपनर रोहित शर्मा और केएल राहुल इसके बाद दौड़ते हुए पैवेलियन तक पहुंच गए। तभी तीसरे अंपायर ने इसे नो़बॉल करार दे दिया। एकबारगी टीम में निराशा छा गई। हालांकि सात रन बाद ही शमी ने पारी 263 रन पर समेट दी। जडेजा के साथ नागपुर में भी ऐसा ही हुआ था। उन्होंने अपना 250वां विकेट हासिल किया, लेकिन वह नो बॉल हो गई। इसके बाद इस उपलप्धि के लिए उन्हें दिल्ली तक इंतजार करना पड़ा।
अश्विन के 700 प्रथम श्रेणी विकेट पूरे हुए
लंच तक दोनों टीमों का पलड़ा बराबरी पर रहा। इस दौरान रविचंद्रन अश्विन ने एक और उपलब्धि हासिल करते हुए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 700 विकेट पूरे किये। यह कारनामा उन्होंने 23वें ओवर में मार्नस लाबुशेन को आउट कर किया।
धुंधले मौसम में सुबह गेंद में अच्छी स्विंग दिखी, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई ओपनरों डेविड वार्नर और उस्मान ख्वाजा ने संभलकर खेलते हुए पहला घंटा सुरक्षित निकाल लिया। हालांकि शमी की गेंद पर वार्नर पगबाधा की अपील से जरूर बचे थे। इन दोनों ने सीरीज में पहली बार अर्धशतकीय साझेदारी की। ऑफ फॉर्म वार्नर कुछ ज्यादा परेशान दिखे। आखिरकार शमी ने ओवर द विकेट कोण बनाती गेंद पर वार्नर को शिकार बना ही लिया। लाबुशेन ने आने के साथ दो बेहतरीन चौके लगाए, लेकिन 23वें ओवर में अश्विन ने उन्हें पगबाधा आउट कर दिया। इसी ओवर की अंतिम गेंद पर अश्विन ने स्टीव स्मिथ को बिना खाता खोले विकेटकीपर भरत के हाथों कैच कराया। ये दोनों ही विकेट 91 रन के स्कोर पर गिरे। इस दौरान उस्मान ख्वाजा ने भारत में अपना पहला टेस्ट अर्धशतक भी पूरा किया।
स्पिन गेंदबाजों के मुफीद मानी जा रही पिच पर अश्विन के अलावा रवींद्र जडेजा ने भी काफी स्पिन और उछाल हासिल की। नागपुर के विपरीत इस पिच पर गेंदें अधिक नीचे नहीं रह रही हैं। ऐसी स्थिति में मैच आगे बढ़ने के साथ ही स्पिनरों का सामना करना दुरूह होता जायेगा।
रवींद्र जडेजा और अश्विन के लिए मील का पत्थर
इस टेस्ट में भी रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने मील के पत्थर पार किए। जडेजा ने 250 विकेट पूरे किए तो अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 100 विकेट पूरे किए। ऐसा करने वाले अनिल कुंबले के बाद अश्विन दूसरे भारतीय गेंदबाज बन गए। लंच और चाय के बीच ऑस्ट्रेलिया के तीन और विकेट गिरे। चाय के समय ऑस्ट्रेलिया का स्कोर छह विकेट पर 199 रन था। पीटर हैंडस्कॉम 36 और कप्तान पैट कमिंस 23 रन बनाकर क्रीज पर थे। उस्मान ख्वाजा 81 रन बनाकर जडेजा के 250वें शिकार बने। केएल राहुल ने प्वाइंट पर उनका दर्शनीय कैच एक हाथ से पकड़ा। ख्वाजा ने रिवर्स स्वीप को स्पिन के खिलाफ हथियार बनाया और काफी रन बटोरे। हालांकि इसी शॉट पर वह आउट भी हो गए।