दुबई। पाकिस्तान के खिलाफ एशियाकप का पहला मुकाबला कांटे के संघर्ष के बाद भारत ने जीत तो लिया, लेकिन यह मुकाबला कुछ सबक भी दे गया। टीम चयन से लेकर खिलाड़ियों के प्रदर्शन तक काफी चर्चा हो रही है।
कुछ दिग्गजों का मानना है कि ऋषभ पंत को दिनेश कार्तिक के स्थान पर टीम में जगह देनी चाहिए थी। इसका कारण बताया जा रहा है कि पंत के रहने से दाएं और बाएं हाथ के बल्लेबाजों के पिच पर एक साथ होने से गेंदबाजों को दिक्कत होती है। वैसे पाकिस्तान के खिलाफ रवींद्र जडेजा ने इस भूमिका को बखूबी निभाया। जडेजा को तीन विकेट गिरने के बाद बल्लेबाजी क्रम में प्रोन्नत करके इसीलिए भेजा गया था। इसका लाभ भी हुआ। पाकिस्तानी गेंदबाजों ने कुछ वाइड गेंदें डालीं, जिससे अतिरिक्त रन और गेंद भी मिली।
रविवार के मैच की बात करें तो कुछ दूसरे पहलू काबिलेगौर हैं। इस तरह के मैचों में ऊपरी क्रम में दाएं और बाएं हाथ के बल्लेबाजों का होना ज्यादा अहम है। अगर ऐसे विकल्प नहीं हैं, तो थोड़ी अतिरिक्त सतर्कता की जरूरत होती है। केएल राहुल के पहले ही ओवर में आउट हो जाने के बाद कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली के सामने सबसे पहला लक्ष्य पावर प्ले में ज्यादा से ज्यादा रन जुटाने का था। इन दोनों ने इसके लिए प्रयास भी किया। इस दौरान कई बार ये दोनों ही खिलाड़ी आउट होने से भी बचे। पावर प्ले तक भारत के एक विकेट पर 38 रन बने थे। ये रन योजना के मुताबिक पर्याप्त नहीं होते। अक्सर टीमें चाहती हैं कि इतने ओवरों में स्कोर 50 रन के पार हो, ताकि आगे के ओवरों में ज्यादा रन जुटाए जा सकें।
पावर प्ले के दौरान मनमाफिक स्कोर नहीं होने के बावजूद रन बन रहे थे। रोहित और विराट अच्छे स्ट्रोक भी खेल रहे थे। अरसे बाद कोहली की बल्लेबाजी में आत्मविश्वास झलक रहा था। वह एक बड़े स्कोर की ओर बढ़ रहे थे। आठवें ओवर में रोहित ने छक्का लगाकर भारत का स्कोर 50 रन कर दिया था। इस समय जरूरत थी एक-दो रन लेने के साथ कमजोर गेंदों का इंतजार करना। एक छक्का लगाने के बाद रोहित ने फिर से गेंद सीमा रेखा पार करानी चाही, लेकिन वह गेंद की गति भांप नहीं पाए और आउट हो गए। एक छक्का लगाने के बाद उन्हें छोर बदलना चाहिए था। इससे पाकिस्तानी टीम पर दबाव बढ़ता।
विराट कोहली ने भी रोहित शर्मा वाली गलती दोहरा दी। शुरुआत में शून्य पर कैच छूटने के बाद विराट ने कुछ अच्छे स्ट्रोक खेले। इनमें उनका पुराना हाथ दिख रहा था। कहते हैं, विश्वास के साथ खेल रहा बल्लेबाज अपने सबसे प्रिय स्ट्रोक पर आउट भी हो जाता है। कोहली के साथ ऐसा ही हुआ। बाएं हाथ के स्पिनर नवाज की गेंद को इनसाइड आउट कवर के ऊपर से मारने में चूके विराट मिडऑफ पर कैच दे बैठे। हालांकि कोहली ने 34 रन बनाए, लेकिन 53 रन के कुल स्कोर पर तीसरे विकेट के रूप में उनका इस तरह आउट होना टीम पर भारी दबाव डाल गया। हालांकि हार्दिक पांड्या और रवींद्र जडेजा ने सभी दबाव खत्म करते हुए टीम को जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया, लेकिन रोहित ऐंड कम्पनी से उम्मीद है कि अगले मैचों में अपनी इन गलतियों से सबक जरूर लेंगे।