जसप्रीत बुमराह की चोट पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को किसी तरह का भी जोखिम उठाने से बचना चाहिए। इंग्लैंड दौरे के बाद ज्यादातर समय यह तेज गेंदबाज मैदान से बाहर रहा है। चोट के ही चलते एशिया कप की टीम से आखिरी समय में बुमराह को बाहर होना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज में वापसी तो हुई, लेकिन चोट फिर उभर आई।
बुमराह की चोट से भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों में काफी निराशा है, लेकिन चोट और तेज गेंदबाजों का रिश्ता काफी पुराना रहा है। बुमराह का अंतरराष्ट्रीय करियर अभी महज चार साल का ही हुआ है और उन्हें काफी दूर तक जाना है। भारतीय टीम का मुख्य और मारक गेंदबाज होने के नाते प्रशंसक उन्हें हर मैच में मैदान पर देखना चाहते हैं। पर, इसके लिए इस गेंदबाज का पूरी तरह फिट होना भी जरूरी है।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से बाहर होने के बाद बुमराह बोर्ड की चिकित्सा टीम की निगरानी में हैं। बेंगलुरु स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में उनका इलाज चल रहा है। इस बीच बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा है कि बुमराह विश्व कप से अभी बाहर नहीं हुए हैं। उम्मीद है कि वह जल्दी ही पूरी तरह फिट हो जाएंगे और ऑस्ट्रेलिया में टीम के साथ जुड़ेंगे। वैसे इसपर फैसला अगले दो-तीन दिन में बुमराह की चोट की स्थिति देखने के बाद ही होगा।
अब सवाल यह उठता है कि अगर बुमराह को विश्व कप के लिए हरी झंडी मिल भी जाती है, तो क्या उन्हें ऑस्ट्रेलिया भेजना सही होगा। पिछला अनुभव तो इसकी इजाजत नहीं देता। अभी अगले वर्ष एक दिवसीय विश्व कप क्रिकेट प्रतियोगिता भारत में खेली जानी है। बुमराह को इसके लिए तैयार किया जाना चाहिए। फिलहाल उन्हें फिटनेस हासिल करने के लिए कुछ अभ्यास मैचों में मौका दिया जा सकता है। विश्व कप के लिए टीम में भुवनेश्वर कुमार के अलावा हर्षल पटेल, अर्शदीप सिंह जैसे प्रतिभाशाली गेंदबाज हैं। इन्होंने हाल ही में अपने प्रदर्शन से काफी प्रभावित भी किया है। चौथे तेज गेंदबाज के रूप में हार्दिक पांड्या टीम में मौजूद हैं। बुमराह के स्थान पर मोहम्मद शमी या दीपक चाहर को भी टीम में शामिल किया जा सकता है।