इंदौर। भारतीय क्रिकेटर यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन गुरुवार को 76 रन की पूंजी लेकर जीत का खम ठोक रहे थे। इसकी वजह पिच का मिजाज था, जिसने प्लेयर ऑफ द मैच नाथन लायन जैसे गेंदबाज को आठ भारतीय विकेट दिला दिये थे। फिर अश्विन, जडेजा और अक्षर जैसे खतरना स्पिनरों के बूते यह खम ठोकना गलत भी नहीं था। हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने गावस्कर बॉर्डर ट्रॉफी सीरीज का तीसरा मैच नौ विकेट से जीतकर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश कर लिया।
नाथन लायन प्लेयर ऑफ द मैच

हालांकि भारतीय क्रिकेट प्रशंसक टीम की जीत के प्रति उतने आश्वस्त नहीं थे, लेकिन यह जरूर सोच रहे थे कि पांच-छह विकेट लेकर भारतीय स्पिनर इसम मैच में रोमांच भरने की पूरी कोशिश करेंगे। जब ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी का पहला विकेट शून्य पर गिरा, तब यह विश्वास और भी मजबूत हो गया। पहली पारी में अर्धशतक ठोकने वाले उस्मान ख्वाजा महज दो गेंदें खेल पाए।
पारी के 10वें ओवर तक सबकुछ ठीक चल रहा था। 11वें ओवर से जब ओपनर ट्रेविस हेड ने बल्ला भांजना शुरू किया तो जीत की दहलीज पर टीम को पहुंचा कर ही माने। इस दौरान भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की रणनीति पूरी तरह छितरा गयी, या यूं कहें कि रणनीति नाम की कोई चीज ही नहीं दिखी तो गलत नहीं होगा। इसके उलट ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ की रणनीति इस मैच में पूरी तरह कारगर रही।
पिटते रहे अश्विन, जडेजा, ताकते रहे अक्षर पटेल
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों हेड और मार्नस लाबुशेन ने 11वें ओव से गियर बदलकर अश्विन और जडेजा पर आक्रमण शुरू कर दिया। 11वें ओवर में अश्विन 18 रन लुटा बैठे। दूसरे छोर से यही हाल जडेजा का भी रहा। इन दोनों ने कुल मिलाकर 16.5 ओवरों में 67 रन खर्च कर दिए। बाकी बचे 10 रन उमेश यादव ने दिये। 19 ओवर की गेंदबाजी में अक्षर पटेल का एक भी ओवर न होना समझ से परे रहा। अक्षर के करियर की शुरुआत बतौर स्पिनर हुई थी। यह दीगर है कि उन्होंने अपनी बल्लेबाजी सुधारते हुए खुद को बेहतर ऑलराउंडर बनाया। अश्विन और जडेजा जब पिटने लगे तो 13वें या 14वें ओवर में अक्षर को मौका दिया जाना चाहिए था, लेकिन यहां तेज गेंदबाज उमेश यादव को आक्रमण सौंप दिया गया।
ऑस्ट्रेलिया वर्ल़्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचा
भारत पर नौ विकेट की जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलिय ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फइनल में अपनी सीट बुक कर ली। इस उपलब्धि के लिए दोनों टीमों को यह मैच जीतना जरूरी था। भारत ने जिस तरह से नागपुर और अहमदाबाद टेस्ट जीता था, उससे लगा कि वह इंदौर में भी जीत दर्ज कर फाइनल में पहुंचेगा, लेकिन कप्तान बदलने के साथ ही ऑस्ट्रेलिया की किस्मत भी बदल गई।
भारत के अवसर अब श्रीलंका पर निर्भर
भारत के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में पहुंचने की राह अब श्रीलंका-न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज पर निर्भर हो गई है। ऑस्ट्रेलिया अगर अहमदाबाद में अगला टेस्ट जीतकर सीरीज 2-2 से बराबर कर लेता है तो भारत के पास 56.94 अंक होंगे। अहमदाबाद टेस्ट ड्रॉ होने की स्थिति में भारत 2-1 से सीरीज जीतेगा और उसके पास 58.79 अंक होंगे। अगर श्रीलंकाई टीम न्यूजीलैंड को टेस्ट सीरीज में 2-0 से हरा देती है तो 61.10 अंक के साथ फाइनल में पहुंच जाएगी। इस तरह पिछली बार के दोनों फाइनलिस्ट भारत और न्यूजीलैंड बाहर हो जाएंगे।