आर. संजय
भारतीय क्रिकेट टीम टी-20 मैचों में पिछले कुछ समय से ओपनिंग की समस्या से जूझ रही है। पिछले एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट में श्रीलंका और पाकिस्तान के खिलाफ मैचों में यह काफ अखरने वाला लगा। खासकर पावर प्ले के पहले छह ओवरों में वांछित गति से रन बनाने में दिक्कत हुई। कप्तान रोहित शर्मा और चोट ठीक कराकर मैदान पर लौटे उप कप्तान केएल राहुल उस लय में नहीं दिखे, जिसके लिए उन्हें जाना जाता है।
एशिया कप और इसके पहले खेली गई टी-20 अंतरराष्ट्रीय सीरीजों में एक बात सामने आई कि ऊपरी क्रम में भारत के पास बाएं हाथ का बल्लेबाज नहीं है। आईपीएल के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में ईशान किशन को मौका दिया गया था। इसके अच्छे परिणाम भी सामने आए थे। हालांकि बाद में ईशान को टी-20 विश्व कप की योजना से लगभग बाहर कर दिया गया। बाएं हाथ के तेजतर्रार ओपनर शिखर धवन पहले ही इसमें शामिल नहीं थे, जिन्होंने रोहित के साथ कई बार बड़ी साझेदारियां कर टीम को जीत दिलाई है। बाएं और दाएं हाथ के बल्लेबाजों के चलते शुरुआती ओवरों में विपक्षी गेंदबाजों को खासा दिक्कत होती है और अतिरिक्त रन मिलने के अवसर भी बढ़ जाते हैं। इसके पहले सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर की जोड़ी भी भारत के लिए कई मैच जिताऊ ओपनिंग पारियां खेल चुकी है। ऐसी स्थिति में बाएं हाथ के बल्लेबाज ऋषभ पंत से पारी की शुरुआत कराना बेहतर विकल्प हो सकता है।
ऋषभ पंत इस तरह कर सकते हैं टीम की मदद
बाएं हाथ के बल्लेबाज और विकेटकीपर पंत क्रिकेट के इस सबसे छोटे संस्करण में अबतक कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं। इसका एक कारण यह हो सकता है कि जब वह क्रीज पर उतरते हैं, तो उनके पास खेलने के लिए अधिक गेंदें नहीं होतीं। इसके अलावा वह ज्यादातर स्ट्रोक हवा में खेलते हैं। छह ओवर के बाद 30 गज के घेरे के बाहर पांच खिलाड़ी पंत के किसी भी शॉट को कैच में तब्दील करने या उसे बाउंड्री से बाहर जाने से रोकने के लिए तैयार होते हैं। उस समय ज्यादातर गेंदबाजी स्पिनर करते हैं और पंत हड़बड़ी में उन गेंदों को सही टाइमिंग के साथ नहीं मार पाते। पंत के पारी की शुरुआत करने की स्थित में 30 गज के घेरे के बाहर सिर्फ दो फील्डर होंगे। ऐसे में पंत को अपने स्ट्रोक खेलने के लिए मैदान का बड़ा हिस्सा मिलेगा। उन्हें बस 30 गज का घेरा पार कराना होगा।
बाद में बल्लेबाजी होने पर मिलेगा ज्यादा लाभ
भारतीय टीम अगर बाद में बल्लेबाजी करती है तो पंत से पारी शुरू कराने का और फायदा मिल सकता है। पहले फील्डिंग करने वाली टीम में विकेटकीपर ही ऐसा खिलाड़ी होता है, जिसकी आंखें पिच पर जम चुकी होती हैं। ऐसे में अगर वह पारी शुरू करता है तो शुरुआत से ही गेंद को अच्छी तरह से देख सकेगा और हिट कर पाएगा। कई टीमें विकेटकीपरों से पारी की शुरुआत कराती है। इनमें मौजूदा समय में दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और पाकिस्तान जैसी टीमें हैं।