नागपुर। गावस्कर-बॉर्डर सीरीज के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें कमर कस रही हैं। अपने-अपने तरकश और तीर तराशे जा रहे हैं। नागपुर की पिच के बारे में कहा जा रहा है कि यह स्पिनरों के लिए मददगार होगी, इसलिए दोनों ही टीमों का फोकस इस ओर कुछ ज्यादा है। भारत के लिए इसके अलावा एक और चुनौती विकेट कीपिंग की है। ऋषभ पंत के चोटिल होने के बाद इस बारे में कुछ ज्यादा ही सतर्कता बरतने की जरूरत है।

पंत ने टेस्ट क्रिकेट में प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। अब उनकी गैरमौजूदगी में दो ऐसे विकेटकीपर टीम में हैं, जिन्हें टेस्ट मैच में आगाज करना है। इनमें एक 30 साल के श्रीकर भरत और दूसरे 24 साल के इशान किशन हैं। इशान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खासा पहचान बना चुके हैं, लेकिन भरत को अबतक इस स्तर पर खास पहचान नहीं मिली है।
अगर पंत की दृष्टि से देखा जाय तो टीम में इशान किशन की जगह तय मानी जा सकती है, क्योंकि दोनों ही बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। इशान के पास अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का एक्सपोजर भी है। हालांकि बांग्लादेश के खिलाफ एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में दोहरा शतक लगाने के बाद किशन का बल्लेबाजी में प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज में उनकी विकेटकीपिंग में भी थोड़ा झोल दिखाई दिया है।
वैसे टेस्ट मैचों में दाएं-बाएं हाथ के बल्लेबाजों का उतना फर्क नहीं पड़ता, जितना सीमित ओवरों के क्रिकेट में पड़ता है। टेस्ट मैचों में गेंदबाजों के लिए ऐसा कंबिनेशन खास मुश्किल नहीं होता। ऐसे में संभव है कि टीम प्रबंधन इशान किशन पर श्रीकर भरत को तहजीह दे दे।
प्रथम श्रेण क्रिकेट का प्रदर्शन
भरत की बात की जाय तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुभव तो नहीं है, लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका प्रदर्शन टेस्ट पदार्पण के लिए खासा मजबूत है। भरत ने अबतक 86 प्रथम श्रेणी मैचों में करीब 38 के औसत से 4707 रन बनाए हैं। इन मैचों में उन्होंने 296 कैच पकड़े हैं ओर 35 स्टंपिंग की है। इसके अलावा नौ शतक तथा 27 अर्धशतक ठोके हैं। उनका उच्चतम स्कोर 308 रन है।
इशान किशन ने 46 प्रथम श्रेणी मैचों में 38.42 के औसत से 2805 रन बनाए हैं और 99 स्टंपिंग की है तथा 11 कैच पकड़े हैं। इन मैचों में उनके पांच शतक और 11 अर्थशतक हैं। उच्चतम स्कोर 273 है।