लंदन। देश के लिए खेलने वाले हर खिलाड़ी का सपना होता है कि जब वह खेल से विदाई ले तो अपना सर्वश्रेष्ठ देकर साथी खिलाड़ियों के बीच मैदान पर हो। दीर्घा में मौजूद प्रशंसक अपने स्थान पर खड़े होकर तालियां बजा रहे हों और सबका सिर गर्व से ऊंचा हो। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी के साथ शनिवार की रात ऐतिहासिक लॉर्ड्स के मैदान पर ऐसा ही कुछ हुआ। यह कभी न भूल पाने वाली ऐतिहासिक और यादगार विदाई रही। हालांकि यह भी सही है कि ऐसा बिरले ही देखने को मिलता है। खासकर भारत के संदर्भों में बात की जाय तो।
लगभग 20 साल का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर शनिवार को आखिरी सोपान पर था। 204 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों के इस सफर में झूलन ने 255 विकेट लिये हैं और वह अब भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इतने विकेट लेने वाली इकलौती गेंदबाज हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 31 रन देकर छह विकेट रहा है। झूलन ने एक दिनी क्रिकेट में बल्ले से भी जौहर दिखाए हैं। उन्होंने कुल 1226 रन बनाए, जिसमें एक अर्धशतक भी शामिल है। इसके अलावा झूलन 12 टेस्ट मैचों में 44 और 68 टी-20 मैचों में 56 विकेट ले चुकी हैं।
कई दिग्गजों को घर से ही करना पड़ा संन्यास का ऐलान
भारतीय क्रिकेट की बात की जाय तो झूलन जैसा न भूलने वाला क्षण पुरुष क्रिकेटरों को हासिल नहीं हुआ। राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धौनी, वीवीएस लक्ष्मण, अनिल कुंबले सरीखे खिलाड़ियों को घर से ही संन्यास का ऐलान करना पड़ा था। सचिन तेंदुलकर ने 2011 में विश्व कप जीत के बाद जरूर झूलन जैसा क्षण महसूस किया था। वह उनका आखिरी विश्व कप था, इसलिए चैंपियन बनने के बाद साथी खिलाड़ियों ने उन्हें कंधे पर बैठाकर मैदान का चक्कर लगाया था।