नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की अंक पद्धति पर सवाल उठने लगे हैं। दूसरी टेस्ट चैंपियनशिप अब पूरी होने को है। इसके ठीक पहले कुछ देशों ने इसमें सुधार करने की मांग की है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अंक पद्धति में विसंगति है। इसकी वजह यह है कि इसमें शामिल देश एक समान संख्या में टेस्ट मैच नहीं खेल पाते। आईसीसी एक मैच के लिए 12 अंक आवंटित करती है। मैच जीतने वाली टीम को 12 अंक मिलते हैं। मैच टाई होने की स्थिति में दोनों टीमों को छह-छह अंक, ड्रॉ होने पर चार-चार अंक दिए जाते हैं। हारने वाली टीम को कोई अंक नहीं मिलता।
दिक्कत यह है कि टेस्ट चैंपियनशिप में सभी देशों को समान संख्या में टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिलता। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एशेज सीरीज पांच मैचों की होती है। दूसरी ओर भारत-न्यूजीलैंड, भारत-श्रीलंका तथा अन्य देशों के बीच दो या तीन टेस्ट मैच ही होते हैं। ऐसे में समान अंक की गुंजाइश नहीं होती है। इसलिए इसपर दोबारा सोचने की जरूरत महसूस की जा रही है।
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