आर. संजय
गुवाहाटी में रविवार को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सीरीज के दूसरे टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में कई रिकॉर्ड बने। कुछ नए रिकॉर्ड बने और कुछ पुराने टूटे भी। इनपर काफी चर्चा हो चुकी। इस मैच का सबसे अहम पहलू रनों की बौछार के बीच दो गेंदबाजों की कंजूसी रहा। ये गेंदबाज दक्षिण अफ्रीका के बाएं हाथ के स्पिनर केशव महाराज और भारत के दाएं हाथ के पेसर दीपक चाहर।

दिलचस्प तथ्य यह है कि भारतीय बल्लेबाज स्पिनरों को ज्यादा बेहतर तरीके से खेलते हैं और दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाजों पर प्रहार करने में माहिर हैं। इन दोनों गेंदबाजों ने इस धारणा को काफी हद तक बदलकर दिखाया। दक्षिण अफ्रीका पहले गेंदबाजी कर रहा था तो शुरू भी केशव महाराज से करते हैं। दक्षिण अफ्रीका के विश्वस्तरीय पेसर कैगिसो रबाडा, लुंगी एन्गिडी, वायने पार्नेल, एनरिच नोकिए भारतीय बल्लेबाजों को थाम नहीं पाए। रबाडा ने 14.25, पार्नेल ने 13.50, एन्गिडी ने 12.25 और नोकिए ने 13.66 रन प्रति ओवर की औसत से गेंदबाजी की। इतना ही नहीं, तीनों पेसर एक भी विकेट नहीं ले पाए।
केशव महाराज को जब दक्षिण अफ्रीकी कप्तान तेंबा बावुमा ने आक्रमण पर लगाया तो दिग्गज कमेंटेटरों में यह चर्चा हो रही थी कि दक्षिण अफ्रीका ने टीम में एक ही विशेषज्ञ स्पिनर को शामिल कर गलती की है। केशव महाराज ने इसको सही साबित भी किया। उन्होंने अपने चार ओवर के स्पेल में सिर्फ 23 रन खर्च किये और भारत के गिरे तीन में से दो विकेट भी उन्हीं के नाम थे। पिच से स्पिन नहीं मिल रही थी। इसके बाद केशव ने रणनीति बदली और ज्यादातर गेंदें फ्लैट और बल्लेबाज के पैरों के आसपास फेकी। इससे रन बनने में दिक्कत हुई। उन्होंने जो चार ओवर किए, उनमें 11 गेंदों पर कोई रन नहीं बना।
अब बात करें भारतीय गेंदबाजी की, तो अर्शदीप सिंह ने एक बार फिर अपने पहले ही ओवर में दो विकेट लेकर यह उम्मीद जगाई कि भारत एक बड़ी जीत हासिल करने जा रहा है। 14 ओवरों तक तो ऐसा ही लग रहा था, क्योंकि दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज डेविड मिलर और क्विंटन डिकॉक को बीच के ओवरों में रन बनाने में खासा दिक्कत हुई। अचानक 15वें ओवर से इन दोनों बल्लेबाजों ने गियर बदला। अंतिम 30 गेंदों पर दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 95 रन बनाने थे। दोनों बल्लेबाज टीम को जीत के काफी करीब तक ले गए। इन 30 गेंदों में 64 रन बने। इसमें भी खासकर अर्शदीप खासा महंगा साबित हुए। उन्होंने डेथ ओवरों में तीन “नोबॉल” फेकी, जिनमें से दो पर मिलर ने छक्का जड़ दिया। अर्शदीप का रन औसत 15.50 रहा, जो दोनों टीमों की ओर से सर्वाधिक रहा। अक्षर पटेल ने 13.25, हर्षल पटेल ने 11.25 और रविचंद्रन अश्विन ने 9.26 की औसत से रन दिये।
इन गेंदबाजों के बीच दीपक चाहर ने काफी कसी और किफायती गेंदबाजी की। उन्होंने न सिर्फ दोनों ओर गेंद को स्विंग कराया, बल्कि काफी चतुराई से लंबाई और गति में परिवर्तन भी करते रहे। दीपक ने हालांंकि विकेट तो नहीं लिया, लेकिन उनकी किफायती गेंदबाजी अंततः भारत की जीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई। चाहर ने चार ओवरों में सिर्फ 24 रन खर्च किए। उनकी 12 गेंदों पर एक भी रन नहीं बना।