कोलकाता। कोई भी टीम जब जीतती है तो उसके उन खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर भी उतना ध्यान नहीं दिया जाता, जो अपेक्षाओं से कमतर साबित हुए। कुछ ऐसे भी खिलाड़ी होते हैं, जो बेहतर प्रदर्शन कर टीम की जीत का हिस्सा तो होते हैं, लेकिन अगले ही मैच में उनका चेहरा मैदान पर नहीं दिखता। फिर कभी किस्मत से मैदान पर आ जाते हैं तो कुछ ऐसा कर देते हैं, जिससे उनकी उपयोगिता टीम के लिए सिद्ध होती है।
ऐसे ही खिलाड़ी कुलदीप यादव भी हैं। कुलदीप अक्सर ऐसे मौकों पर टीम से बाहर हुए हैं, जब उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है। हाल ही में बांग्लादेश दौरा इसका ताजातरीन उदाहरण रहा है।
इडेन गार्डेन में कुलदीप यादव को श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के दूसरे एक दिवसीय मैच में अंतिम एकादश में मौका युज्वेंद्र चहल के अस्वस्थ होने के कारण मिला। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी कर रही श्रीलंकई टीम एक समय 17वें ओवर में एक विकेट पर 102 रन बनाकर बड़े स्कोर की ओर बढ़ती दिख रही थी। ऐसे समय में कुलदीप को गेंदबाजी सौंपी गई। कुलदीप ने न सिर्फ श्रीलंकाई टीम के शीर्षक्रम को झकझोरा, बल्कि उसके बढ़ते कदम पर अंकुश लगा दिया।
कुलदीप ने कुसल मेंडिस, चरिथा असलंका और कप्तान दासुन शनाका के महत्वपूर्ण विकेट हासिल किए। इसी दौरान अक्षर पटेल ने धनंजय डीसिल्वा को बोल्ड किया और उनकी गेंद पर ही प्रथम प्रवेशी नुवानिदु फर्नांडो अर्धशतक पूरा करने के बाद रन आउट हो गए। इस तरह 101 पर एक विकेट वाला श्रीलंका अगले 25 रनों में पांच विकेट गंवा बैठा। कुलदीप ने 10 ओवर में 51 रन देकर तीन विकेट लिए।
श्रीलंका के पुछल्ले बल्लेबाजों ने कुछ अच्छे हाथ दिखाए। नवें विकेट के लिए दुनिथ वेलालागे और कासुन रजिथा ने 38 रन की साझेदारी कर टीम का स्कोर 215 रन तक पहुंचा दिया।