मीरपुर। भारत और बांग्लादेश के बीच खेले जा रहे सीरीज के दूसरे क्रिकेट टेस्ट मैच में नतीजा निकलना तो तय हो गया है। हालांकि भारतीय टीम अपनी प्रतिष्ठा के विपरीत बल्लेबाजी करके मेजबान टीम पर अपेक्षित बढ़त हासिल करने में नाकाम रही। भारत को पहली पारी के आधार पर सिर्फ 87 रन की बढ़त मिली, जबकि एक समय यह 140-150 के आसपास पहुंचती दिख रही थी। ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर दोनों ही शतक से चूके और पंत के साथ तो छठी बार ऐसा हुआ जब वह “नर्वस नाइंटीज” का शिकार हुए।

बांग्लादेश के 227 रनों के जवाब में भारत ने पहले दिन खेल खत्म होने के समय बिना विकेट गंवाए 19 रन बना लिए थे। दूसरे दिन शुक्रवार को लंच तक तीन विकेट गिर चुके थे। कप्तान केएल राहुल अपनी तकनीकी खामी के चलते पगबाधा हुए, जबकि शुभमन गिल काफी जल्दबाजी में विकेट गंवा बैठे।
अब भारतीय टीम के सर्वाधिक अनुभवी चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली पर टीम को बड़ी बढ़त दिलाने की जिम्मेदारी आ गई। ये दोनों उस सफर पर निकल भी चुके पर ताइजुल इस्लाम की गेंद पर फॉरवर्ड शॉर्टलेग में मोमिनुल हक ने पुजारा का जमीन छूता कैच पकड़कर उनकी पारी का अंत कर दिया। पुजारा ने 24 रन बनाने के साथ ही कोहली के साथ तीसरे विकेट के लिए 34 रन जोड़े।
लंच के बाद तेज गेंदबाज तासकिन अहमद ने कोहली को विकेटकीपर नुरुल हसन के हाथों कैच कराकर भारत को बड़ा झटका दिया। कोहली भी 24 रन बनाकर आउट हो गए।
तीन विकेट गिरने के बाद ऋषभ पंत को बल्लेबाजी के लिए भेजा गया, ताकि दाहिने और बाएं हाथ की बल्लेबाजी से बांग्लादेशी गेंदबाजों को अनियंत्रित किया जा सके। पंत ने क्रीज पर पहुंचने के साथ ही आक्रमण शुरू कर दिया और इसमें उन्हें सफलता भी मिली। कोहली के आउट होने के बाद आए श्रेयस अय्यर ने भी रन बनाने का कोई मौका नहीं गंवाया। इन दोनों ने पांच रन प्रति ओवर से ज्यादा के रेट से बल्लेबाजी की। जब ये दोनों पांचवें विकेट के लिए 150 रन की साझेदारी कर चुके, तब ऐसा लगा कि भारत 150 या इससे ज्यादा रनों की बढ़त हासिल कर लेगा।
बांग्लादेशी कप्तान शाकिब अल हसन इस जोड़ी को तोड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे थे। आखिरकार कामयाबी उन्हीं के हिस्से आई, जब 253 के स्कोर पर उनकी एक गेंद को फ्रंटफुट या बैकफुट पर खेलने की दोहरी मानसिकता में फंसकर विकेटकीपर नुरुल हसन को कैच दे बैठे। पंत ने अपनी 93 रन की पारी में सात चौके और पांच छक्के जड़े।
पंत के बाद श्रेयस के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी थी। हालांकि उस समय अक्षर पटेल और रविचंद्रन दो ऐसे खिलाड़ी मौजूद थे, जो 40-50 रन बनाने में सक्षम थे। अक्षर पटेल को बाएं हाथ के बल्लेबाज होने के कारण श्रेयस का साथ निभाने को भेजा गया। अक्षर ऐसे समय ऊंचा शॉट खेलकर आउट हो गए, जब इसकी कतई जरूरत नहीं थी। इसके बाद श्रेयस अय्यर और रविचंद्रन अश्विन पगबाधा हो गए। ये तीनों विकेट शाकिब अल हसन ने लिए। 286 के स्कोर तक सभी मान्यता प्राप्त बल्लेबाज आउट हो चुके थे। तब भारत की बढ़त 59 रन की थी। श्रेयस अय्यर ने 87 रनों की अपनी पारी में 10 चौके और दो छक्के लगाए।
अंतिम तीन बल्लेबाजों जयदेव उनादकट (14), उमेश यादव (14) और मोहम्मद सिराज (7) ने कुल 35 रन जोड़े, जिससे भारत की बढ़त 87 रन तक पहुंच सकी। बांग्लादेश के लिए शाकिब अल हसन और ताइजुल हसन ने चार-चार विकेट हासिल किए। दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक बांग्लादेश ने अपनी दूसरी पारी में बिना विकेट खोए सात रन बना लिए थे।