युज्वेंद्रा लॉर्ड्स में एक मैच में सर्वाधिक विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज बने

लंदन। क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स मैदान पर भारत गुरुवार को 18 साल का जीत का सूखा खत्म करने से रह गया। इंग्लैंड के 246 रन का स्कोर भारत की मजबूत बल्लेबाजी के सामने काफी छोटा लग रहा था, लेकिन इंग्लैंड के गेंदबाजों ने शुरुआत से ही ऐसा कहर बरपाया, जिससे अंततक भारतीय टीम उबर नहीं सकी। बीच में सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पांड्या और रवींद्र जडेजा ने थोड़ा संघर्ष किया, लेकिन यह नाकाफी रहा। भारत की पारी 146 रन पर सिमट गई। इस तरह इंग्लैंड ने यह मैच 100 रन से जीता और शृंखला में 1-1 की बराबरी कर ली।
लॉर्ड्स में पिछले सात मैचों में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती है। यह आठवां मैच और सातवीं जीत रही। एक मैच विश्वकप के फाइनल में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच ड्रॉ रहा था। हालांकि इंग्लैंड ने ज्यादा चौके मारने के आधार पर इसे जीता था। युज्वेंद्र चाहल चार विकेट लेकर लॉर्ड्स में ऐसा करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने। टोप्ले ने 9.5 ओवरों में 24 रन देकर छह विकेट लिए। इसमें दो ओवर मेडन रहे। उन्हें मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया।
भारत की जवाबी कार्रवाई खासा निराशाजनक रही। बल्ले से पहला रन पारी की 27वीं गेंद पर बना। पहले पावर प्ले के 10 ओवरों में भारत ने दो विकेट पर 28 रन बनाए थे। कप्तान रोहित शर्मा खाता भी नहीं खोल सके। इसके बाद शिखर धवन भी नौ रन बनाकर आउट हो गए। ये दोनों विकेट टोप्ले ने लिए। 11वें ओवर में ऋषभ पंत भी बिना खाता खोले ब्राइडन कार्स की गेंद पर आउट हो गए। उन्हें सूर्यकुमार यादव की जगह सिर्फ इसलिए भेजा गया था कि पिच पर दाएं और बाएं हाथ के बल्लेबाजों के सामने गेंदबाजी करने में दिक्कत होगी। विराट कोहली फिर असफल रहे और डेविड विली की गेंद पर विकेटकीपर बटलर को कैच थमा बैठे। विराट ने 16 रन बनाए। ऑफ स्टंप के बाहर निकलती गेंदों पर अपनी कमजोरी को विराट अब भी ठीक नहीं कर सके हैं।
फॉर्म में चल रहे सूर्यकुमार यादव से आज टीम को काफी उम्मीदें थीं। उन्होंने धीमी शुरुआत के बाद जैसे ही हाथ खोलने शुरू किए, 21वें ओवर में बटलर ने मारक गेंदबाजी कर रहे टोप्ले को गेंद थमा दी। टोप्ले की ऑफ स्टम्प पर उठती गेंद को थर्डमैन की दिशा में खेलने के प्रयास में सूर्यकुमार स्टम्प पर खेल बैठे। भारत का पांचवां विकेट 73 रन पर गिरा। सूर्या ने हार्दिक पांड्या के साथ पांचवें विकेट के लिए 44 रन जोड़े। उन्होंने एक चौका और एक छक्का की मदद से 27 रन बनाए। 28वें ओवर की पहली गेंद पर मोइन अली ने हार्दिक पांड्या को आउट कर रही सही उम्मीद भी खत्म कर दी। पांड्या ने दो चौकों की मदद से 29 रन बनाए। भारत का छठा विकेट 101 रन पर गिरा।
131 के स्कोर पर कार्स ने अपनी गेंद पर शमी का कैच छोड़ दिया। शमी तब 18 रन पर थे। हालांकि रीस टोप्ले ने शमी को धीमी फुलटॉस गेंद पर फंसा लिया और भारत का सातवां विकेट 140 रन पर गिर गया। शमी ने दो चौके और एक छक्के की मदद से 23 रन बनाए। अगले ओवर में लिविंग्स्टोन ने अपनी पहली गेंद पर जडेजा को बोल्ड कर दिया। जडेजा ने एक चौका और एक छक्का की मदद से 29 रन बनाए।
लॉर्ड्स की पिच ओवल के मुकाबले आसान थी। इसपर घास बहुत नहीं थी, लेकिन नमी को देखते हुए भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। यह कुछ हद तक सही भी रहा, क्योंकि इंग्लैंड के शीर्ष पांच विकेट 22 ओवर तक आउट हो चुके थे और उस समय स्कोर 105 रन था। पांच में तीन विकेट लेगस्पिनर युज्वेंद्रा चाहल को मिले थे। शमी और पांड्या के हिस्से एक-एक विकेट आया। इसके बाद मोइन अली और लियाम लिविंग्स्टोन के बीच छठे विकेट के लिए 46 रन की साझेदारी हुई, जिसको पांड्या ने तोड़ा। उन्होंने लिविंग्स्टोन को स्क्वायरलेग पर अतिरिक्त खिलाड़ी श्रेयस अय्यर के हाथों कैच कराया। 157 के स्कोर पर विली भी आउट हो जाते, लेकिन पांड्या की ही गेंदपर डीप स्क्वायरलेग में कृष्णा ने उनका कैच छोड़ दिया। विली और अली ने सातवें विकेट के लिए 67 गेंदों में 62 रन की साझेदारी की। इस साझेदारी को भी चाहल ने ही तोड़ा। उन्होंने डीप मिडविकेट पर अली को जडेजा के हाथों कैच कराया। अली ने दो चौके और दो छक्के की मदद से 47 रन बनाए। युज्वेंद्रा ने इसके अलावा जॉनी बेयरेस्टो, जो रूट और बेन स्टोक्स के विकेट लिए।
डेविड विली अर्धशतक की ओर बढ़ रहे थे। उन्होंने विकेट के चारों ओर बेहतरीन स्ट्रोक खेले। 47वें ओवर में बुमराह की धीमी गेंद पर उन्होंने स्क्वायरलेग पर छक्का मारा। लेकिन इसी ओवर की अंतिम गेंद पर वह लांग ऑन पर श्रेयस अय्यर को कैच दे बैठे। उन्होंने दो चौके और दो छक्के की मदद से 41 रन बनाए। बुमराह का यह मैच में पहला विकेट रहा। इसके बाद 49वें ओवर की अंतिम गेंद पर उन्होंने रीस टोप्ले को बोल्ड कर इंग्लैंड की पारी का अंत कर दिया।