आर. संजय
भारतीय क्रिकेट पिछले एक-दो वर्षों से प्रयोगधारी हो गया है। इससे कुछ विकल्प तो खुले हैं पर चुनौती और चिंता भी बढ़ी है। सबसे बड़ी चिंता इंग्लैंड के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाले एकमात्र टेस्ट मैच को लेकर है। बीमारी और चोटों ने मुश्किलें बढ़ाई हैं।
पिछले साल की सीरीज के बचे हुए एकमात्र टेस्ट मैच में सबसे बड़ा सवाल ओपनिंग और तीसरे नंबर की बल्लेबाजी का है। रोहित शर्मा कोविड से ग्रस्त हैं। केएल राहुल चोट के चलते टीम में नहीं हैं। मयंक अग्रवाल को रोहित के कवर के रूप में मयंक अग्रवाल को भेजा गया है। मयंक ने अबतक 21 टेस्ट मैचों में 1488 रन बनाए हैं। मयंक के साथ दूसरे छोर पर कौन होगा, यह तय नहीं है।
लीस्टरशायर के खिलाफ खेले गए अभ्यास मैच में भारतीय बल्लेबाजी चरमराई सी दिखी थी। विकेटकीपर बल्लेबाज श्रीकर भरत ने कुछ बेहतर प्रदर्शन किया। उन्होंने दूसरी पारी में ओपनिंग भी की थी। हालांकि टेस्ट मैच में उन्हें मयंक का साझीदार बनाया जाएगा, इसकी संभावना कम है। ऐसे में शुभमन गिल मयंक के साथ पारी शुरू कर सकते हैं।
तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी के लिए चेतेश्वर पुजारा टीम में मौजूद हैं। अभ्यास मैच में उन्होंने लीस्टरशायर और भारत दोनों के लिए बल्लेबाजी की पर बुरी तरह असफल रहे। प्रयोग के तौर पर हनुमा विहारी को आजमाया गया, लेकिन वह भी कुछ खास नहीं कर सके। वैसे हनुमा ने खुद को बड़े मैचों के विश्वसनीय बल्लेबाज के तौर पर साबित किया है।
रोहित की गैरमौजूदगी में कप्तान कौन होगा, यह भी बड़ा सवाल है। इसके लिए ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह के नाम सामने आ चुके हैं। पंत इस भूमिका में कितने सही होंगे, यह कह पाना फिलहाल मुश्किल है। बुमराह को कप्तानी का खास अनुभव नहीं है, ऐसे में उन्हें यह जिम्मेदारी देने से उनपर दबाव बढ़ सकता है। ऐसी स्थिति में रविचंद्रन अश्विन या शुभमन गिल को यह दायित्व देना ज्यादा मुफीद हो सकता है। इन दोनों को ही कप्तानी का अनुभव है।
यह हो सकती है टेस्ट मैच की एकादश
मयंक अग्रवाल, शुभमन गिल, हनुमा विहारी, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और प्रसिद्ध कृष्णा।