लंदन। भारतीय महिला टीम ने इंग्लैंड को उसकी धरती पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज में 3-0 से रौंद दिया। इससे तिलमिलाए इंग्लैंड ने भारत की ऑलराउंडल दीप्ति शर्मा पर आंखें तरेरी हैं। वजह सब जानते हैं। दीप्ति पर आरोप लगाने वाला इंग्लैंड यह भूल गया कि वह अतीत में इससे भी कई बड़ी गलतियां कर चुका है।
लॉर्ड्स में खेले गए सीरीज के आखिरी मैच में इंग्लैंड की टीम हार की कगार पर पहुंच चुकी थी। लेकिन, कैरोलेट डीन अंतिम समय में टीम को जीत के करीब ले जा चुकी थीं। इसी समय भारतीय गेंदबाज दीप्ति ने नॉन स्ट्राइकर छोर पर गेंद फेके जाने से पहले क्रीज छोड़कर निकल चुकी डीन को रन आउट कर दिया और इंग्लैंड मैच हार गया। हालांकि मेरिलेबोन क्रिकेट क्लब दीप्ति को इस मामले में क्लीन चिट दे चुका है, लेकिन हार से तिलमिलाए अंग्रेज दिग्गज इसे पचा नहीं पा रहे हैं।
दीप्ति और भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर इस बारे में स्पष्ट कर चुकी हैं कि डीन को पहले भी ऐसा करने पर कई बार चेतावनी दी जा चुकी थी, लेकिन वह नहीं मानीं। आखिरकार बेहद दबाव के क्षणों में दीप्ति को मौका मिला, जिसपर उन्होंने डीन को रनआउट कर दिया। इस बीच भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों वीरेंद्र सहवाग, रविचंद्रन अश्विन और अमित मिश्र ने इस मसले पर दीप्ति शर्मा का समर्थन किया है।
इस पूरे मसले पर इंग्लैंड जिस तरह आक्रामक हुआ है और इस प्रकरण को “खेल भावना” के विपरीत, उससे खुद उसकी पोल खुल रही है। अब पूर्व में की गई उसकी गलतियों पर भी लोग चर्चा कर रहे हैं और इससे इंग्लैंड की खासा आलोचना हो रही है।
इंग्लैंड ने कब कैसे और क्या गलती की
न्यूजीलैंड के खिलाफ 2008 के एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में ग्रांट इलियट को जिस तरह रन आउट किया गया, वह कैसे खेल भावना का उदाहरण था। एक रन लेते समय इलियट गेंदबाज रेयान साइडबॉटम से टकराकर पिच पर गिर गए। इस बीच इयान बेल ने गेंद उठाई और नॉन स्ट्राइकर छोर के पास खड़े केविन पीटरसन को दे दी। पीटरसन ने गिल्लियां बिखेर दीं।
भारत के खिलाफ भी इंग्लैंड ने खेल भावना के विपरीत आचरण किया था। महिला टीमों के बीच एक टी-20 मैच में इंग्लैंड की विकेटकीपर एमी जोन्स ने स्मृति मंधाना का कैच पकड़कर अपील की और अंपायर ने उन्हें आउट दे दिया। मंधाना वापस जाने लगीं। इसी बीच रीप्ले में दिखा कि गेंद जोंस के दस्ताने में जाने से पहले जमीन छू चुकी थी। इसके बाद अंपायरों ने फैसला पलटा और मंधाना वापस क्रीज पर आईं।
दीप्ति शर्मा प्रकरण में जिन लोगों ने सबसे मुखर होकर उनका विरोध किया है, उनमें इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड भी शामिल हैं। ब्रॉड यह भूल गए कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आउट होने के बावजूद वह क्रीज पर खड़े रहे। गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में गई, जहां माइकल क्लार्क ने कैच पकड़कर अपील की। हालांकि अंपायर अलीम डार ने इसे नकार दिया। बाद में रीप्ले में साफ दिखा कि गेंद बल्ले का किनारा लेकर क्लार्क के पास गई थी, लेकिन ब्रॉड ने वहां खेल भावना का प्रदर्शन करना उचित नहीं समझा। इन दिनों ब्रॉड का यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है।
एक और बड़ा वाकया गेंद से छेड़छाड़ का है। पूर्व अंग्रेज बल्लेबाज मार्कस ट्रेस्कोथिक ने अपनी जीवनी में इसकी स्वीकारोक्ति की है। इसके मुताबिक ट्रेस्कोथिक ने गेंद की चमक बढ़ाने के लिए इसपर मिंट का इस्तेमाल किया था। इसकी वजह से गेंद पर चमक देर तक बनी रही और अंग्रेज तेज गेंदबाजों को स्विंग कराने में भी काफी मदद मिली।
फोटो- सौजन्य गूगल