मुंबई। रिचा घोष और दीप्ति शर्मा की जबरदस्त पारियों के बावजूद भारतीय क्रिकेट टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज चौथे मैच में शनिवार को सात रन से पराजय का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया के 188 रन के जवाब में भारत ने 181 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया के लिए एलिस पेरी ने 71 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया ने इस तरह इस सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त हासिल कर ली। अंतिम मैच 20 दिसम्बर को ब्रेबोर्न स्टेडियम में ही खेला जाएगा।

अंतिम दो ओवर में भारत को जीत के लिए 38 रनों की जरूरत थी। रिचा घोष ने हीदर ग्राहम की पहली दो गेंदों पर छक्के जड़ दिये। तीसरी गेंद थर्डमैन बाउंट्री के बाहर चली गई। चौथी गेंद पर कोई रन नहीं बना। पांचवीं गेंद पर एक रन मिला। अंतिम गेंद पर दीप्ति शर्मा ने एक रन लिया। अंतिम ओवर में 20 रन की दरकार थी। दीप्ति ने मेगन शूट की पहली गेंद पर चौका जड़ दिया। दूसरी गेंद पर एक रन बना। तीसरी गेंद पर रिचा एक ही रन ले पाईं। दीप्ति ने चौथी गेंद पर चौका जड़ा। अब दो गेंदों पर 10 रन की जरूरत थी। पांचवीं और छठी गेंद पर एक-एक ही रन बन सका। रिचा घोष 19 गेंदों पर चार चौके और दो छक्के की मदद से 40 और दीप्ति 12 रन बनाकर अविजित रहीं।
भारतीय पारी की शुरुआत तेज हुई, पर जल्दी-जल्दी तीन विकेट गिर जाने से दबाव काफी बढ़ गया। स्मृति मंधाना 16, शेफाली वर्मा 20 और जेमिमा रोड्रग्ज आठ रन बनाकर आउट हो गईं। ये तीनों विकेट सातवें ओवर तक 49 रन के अंदर गिर चुके थे।
इसके पहले एलिस पेरी के शानदार अर्धशतक और एश्ले गार्डनर के साथ उनकी 94 रनों की साझेदारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने तीन विकेट पर 188 रन बनाए। पेरी ने 42 गेंदों पर सात चौके और चार छक्के की मदद से अविजित 72 रन बनाए।
टीम को दबाव से उबारने के लिए कप्तान हरमनप्रीत और देविका वैद्या ने सिंगल से खेलना शुरू किया। बाद में हरमन ने हाथ खोले और 13वें ओवर में हीदर ग्राहम की गेंदोंपर पांच चौके लगाते हुए टीम का स्कोर 100 रन के पार कराया। इस ओवर में कुल 21 रन बने। इस दौरान उन्होंने चौथे विकेट के लिए वैद्या के साथ अर्धशतकीय साझेदारी भी पूरी की। हालांकि वांछित रन औसत का दबाव बढ़ता चला गया और 15वें ओवर में हरमन ने इसे बढ़ाने के प्रयास में विकेट गंवा दिया। उन्हें एलेना किंग ने कैच कराया। हरमनप्रीत ने 30 गेंदों में छह चौके और एक छक्के की मदद से 46 रन बनाए।
रिचा घोष ने आते ही दो लगातार चौके लगाकर अपने इरादे जाहिर किए। अंतिम 30 गेंदों में भारत को 59 रन बनाने थे। दूसरे छोर से वैद्या भी पूरा जोर लगा रही थीं, लेकिन सटीक गेंदबाजी के चलते बड़े स्ट्रोक नहीं लगा पा रही थीं। 16वें ओवर तक भारत का रन रेट ऑस्ट्रेलिया से बेहतर रहा। 17वें ओवर में रिचा ने दूसरी गेंद पर चौका लगाया और तीसरी गेंद पर उनका कैच छूट गया। यहां से हर ओवर में कम से कम एक छक्का और एक चौका लगाने की जरूरत थी। 18वें ओवर में देविका स्टम्प आउट हो गईं। उन्होंने तीन चौकों की मदद से 32 रन बनाए।
भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलीसा हीली ने काफी तेज शुरुआत की और 21 गेंदों पर 30 रन ठोक दिए। अचानक चौथे ओवर में उनके दाएं पैर की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया। वह चल भी नहीं पा रही थीं। हालांकि उन्होंने दो गेंदें खेलीं, पर अंततः उन्हें बाहर जाना पड़ा। इसके पहले बेथ मूनी को दीप्ति शर्मा ने शेफाली वर्मा के हाथों कैच कराकर ऑस्ट्रेलिया को बड़ा झटका दिया था।
राधा यादव ने सातवें ओवर में 46 रन के स्कोर पर तानिया मैकग्रा को बोल्ड करके ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बढ़ाया, लेकिन एश्ले गार्डनर और एलिस पेरी ने इसके बाद काफी विस्फोटक बल्लेबाजी की। इन दोनों ने 34 गेंद पर अर्धशतकीय साझेदारी पूरी कर ली। भारतीय टीम का जमीनी क्षेत्ररक्षण काफी अच्छा रहा, लेकिन गेंदबाजों ने काफी अनियंत्रित गेंदबाजी की। इसके चलते ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने मनचाहे तरीके से शॉट खेले। हरमनप्रीत ने नियमित गेंदबाजों के असफल रहने पर शेफाली वर्मा से गेंदबाजी कराई, लेकिन वह भी रन लुटा बैठीं।
एलिस पेरी ने अपना अर्धशतक 16वें ओवर में पूरा किया। इसके लिए उन्होंने 32 गेंदें खेलीं और छह चौके तथा दो छक्के लगाए। पेरी का सीरीज में यह लगातार दूसरा अर्धशतक रहा। दीप्ति ने आखिर 17वें ओवर में गार्डनर को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। गार्डनर ने पेरी के साथ तीसरे विकेट के लिए 59 गेंदों पर 94 रन की साझेदारी की। गार्डनर ने 27 गेंदों पर तीन चौके और तीन छक्के की मदद से 42 रन बनाए।
गार्डनर के बाद आईं ग्रेस हैरिस ने भी रनों का अंबार खड़ा किया। उन्होंने पेरी के साथ सिर्फ 21 गेंदों पर 48 रन की साझेदारी की। हैरिस 12 गेंदों पर चार चौके और एक छक्के की मदद से 27 रन बनाकर अविजित रहीं।